सेहत – हिंदी समाचार / फोटो गैलरी / लाइफस्टाइल / हेल्थ टिप्स: इस तरह का प्रयोग करें, किडनी को साफा दीक्षा देना होता है दूरहेल्थ टिप्स: इस तरह का प्रयोग करें, किडनी को साफा दीक्षा देना होता है दूरस्वास्थ्य टिप्स: भारतीय रसोई में ऐसे कई तरीके इनमें से एक तत्व है, जिसका उपयोग शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह खाने का स्वाद और सुगंध बढ़ाने के साथ-साथ मनुष्य के शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखने का भी काम करता है। ऐसे ही एक मसाले का नाम अजीब है, जिसे दादी-नानी के साथ-साथ इस्तेमाल की जाने वाली रेसिपी भी बताई जाती है। घर में जब बच्चों या बड़ों को पेट दर्द होता है तो सबसे पहले परेशानी ही होती है है.Local18{“vars”:{“gtag_id”:”G-4LJXB6XTLN”,”config”:{“G-4LJXB6XTLN”:{“groups”:”default”,”send_page _view”:false}}},”triggers”:{“trackEvent”:{“on”:”click”,”selector”:”#byline_agency_cp”,”request”:”ev ent”,”vars”:{“event_name”:”byline_agency_cp”,”cta_name”:”Local18″,”section”:””,”sub_section”:””,”article_id”:””,”type_of_article”:” “,”local18_district”:””,”domain”:”https://hindi.news18.com/”}}}}अंतिम अपडेट किया गया: 16 नवंबर, 2024, 20:16 IST काजल मनोहर द्वारा रिपोर्ट की गई, राम अवतार द्वारा संपादित01 आयुर्वेदिक चिकित्सक पिंटू भारती ने स्थानीय 18 को बताया कि एक अजीब मसाला है, जो भारतीय व्यंजनों में कई प्रकार के व्यंजनों का उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद टीका और प्रभाव चॉकलेट होता है और इसमें थायमोल नामक पदार्थ पाया जाता है। इसके सेवन से कई आयुर्वेदिक फायदे भी होते हैं. यह मुख्य रूप से पाचन तंत्र के लिए हानिकारक है, जो पाचन में सुधार के साथ गैस, पेट, अपच जैसी समस्याओं और दर्द में राहत देता है। एक टैंकर पानी में एक बड़ा टुकड़ा रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह इसे वॉल्यूमकर अच्छा लें। इसे खाली पेट पीने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, तुलसी पत्ते, अदरक, और काली मिर्च को पानी में आधा लें और इसमें आधा इंच का सेवन करने से गले का खराश, पतला और खांसी में आराम मिलता है। इससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है। यह तेल रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में भी सहायक होता है। अजनबी को प्रभाव भूनकर पीस लें और इसे एक एयरटाइट में बदल लें। इसका सेवन सुबह-शाम आधा गर्म पानी के साथ करने से पाचन संबंधी पोषक तत्वों से राहत मिलती है। सब्जियों को सब्जी, दाल, परांठा, पूरी या अन्य किसी भी व्यंजन के रूप में दाल के रूप में खाया जा सकता है. यह स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ भोजन को पचाने में भी मदद करता है। 04 आयुर्वेदिक चिकित्सक पिंटू भारती ने स्थानीय 18 को बताया कि यह एक औषधीय जड़ी-बूटी का सामान है। इसमें ऐसे कई गुण होते हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में अग्नि दीपक को माना जाता है, जो पाचन अग्नि को मजबूत बनाता है। इसके सेवन से पेट फूलना और गैस जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। वज्र वात और कफ को काम करता है, जो जोड़ों का दर्द, इंजेक्शन-खांसी और श्वसन तंत्र की क्रियाओं में सहायक होता है। पित्त दोष को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। विरोधी- विटामिन और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो श्वसन तंत्र को साफ रखते हैं और बंद नाक, सूजन और खांसी में राहत देते हैं। 05 मालिश के तेल से मालिश करने पर जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम मिलता है। यह रुमेटाइड आर्थराइटिस की तरह ही सहायक भी है। इसका सेवन सेवन मूत्राशय और किडनी को साफ रखने में मदद करता है। यह यूरिनरी इंजेक्शन और किडनी स्टोन जैसे मुद्दों में राहत देता है। इसमें मेटाबोलिज्म को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। इसे सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। सामान्य गर्म पानी में भिंगोकर आर्क सिर पर बैठने से सिर दर्द में राहत मिलती है। इसे सुंघने से विरोधाभासी जैसे प्रश्नों में भी आराम मिलता है। नियमित सेवन रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक होता है और ऊर्जा प्रबल होती है। /औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, शास्त्र से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

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आयुर्वेदिक चिकित्सक पिंटू भारती ने स्थानीय 18 को बताया कि अजेय एक औषधीय जड़ी-बूटी का सामान है। इसमें ऐसे कई गुण होते हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में अग्नि दीपक को माना जाता है, जो पाचन अग्नि को मजबूत बनाता है। इसके सेवन से पेट फूलना और गैस जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। वज्र वात और कफ को काम करता है, जो जोड़ों का दर्द, इंजेक्शन-खांसी और श्वसन तंत्र की क्रियाओं में सहायक होता है। पित्त दोष को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एंटी-एकांत और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वसन तंत्र को साफ रखते हैं और नाक बंद कर देते हैं, खांसी और खांसी में राहत देते हैं।


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