सेहत – हेल्थ टिप्स: त्वचा को बनाए रखने के लिए संजीवनी का सामान है ये पौधा, इसके कीड़ों और चूहों के सेवन से फोड़े-फुंसी हो जाते हैं गायब

पोस्ट: उत्तराखंड के रसायन शास्त्र में पाए जाने वाला पुनर्नवा का पौधा कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है। पुनर्नवा कई औषधीय गुणों वाला एक देसी पौधा है, जो त्वचा संबंधी पहलुओं के इलाज में कारगार साबित होता है। काया आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ आयुर्वेद डॉक्टर विनय खुल्लर ने सलाह दी है कि रीबोनवा की बर्थ या स्टीन का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है।

डॉक्टर विनय खुल्लर ने बताया कि इसके जड़ से बने लेप को गर्म करके अल्सर और फोड़े-फुंसी जैसी जगह पर इस्तेमाल करना आरामदायक है। साथ ही इसके जड़ के तेल को गर्म करके त्वचा पर मालिश करने से सभी प्रकार के त्वचा संबंधी विकार ठीक हो जाते हैं।

रामबाण के लिए रामबाण है यह पौधा

डॉ. खुल्लर ने बताया कि पुनर्नवा में मौजूद एंटीऑक्सीडेट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण त्वचा के लिए खतरनाक होते हैं। यह मुंहासों, एक्जिमा और सूजन जैसी कई त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करता है। पुनर्नवा के पेस्ट का नियमित या इसके सेवन से त्वचा साफ और स्वस्थ रहती है।

पुनर्नवा का उत्पाद भी बढ़िया है

डॉक्टर विनी खुल्लर ने बताया कि पुनर्नवा का सभी प्रकार का लाभ पाने का एक प्रभावी तरीका है। यह उत्पाद शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। साथ ही पाचन को पुनर्प्राप्त करना है। इसके अलावा, किडनी का स्वास्थ्य बेहतर बना हुआ है और हृदय संबंधी स्वास्थ्य बेहतर बना हुआ है।

ब्लड सप्लाई को नियंत्रित करें

डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि रक्त के थक्के को नियंत्रित करने के लिए रीबोनवा के पाउडर को आप एक साथ ही खा सकते हैं। इसमें मौजूद मैग्नेशियम की मात्रा ब्लड मिनरल्स को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से आपको हार्टअटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।

पोषक तत्व का खजाना है पुनर्नवा

पुनर्नवा पोषक तत्व विटामिन-सी, विटामिन-बी और अन्य विटामिन से भरपूर है। भोजन से पहले रीचकनवा का रस लेने से पेट की पथरी जैसे कब्ज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इसमें रेचक गुण होता है। यह गैस और पेट दर्द से भी राहत दिलाता है।


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