सेहत – हेल्थ टिप्स: पहाड़ में बढ़ रहे गले की एलर्जी के रोगी, डॉक्टर से जानें इसका कारण और इलाज

गेर्गाल: गुड़गांव के संयुक्त उपजिला परिषद में इन दिनों गले में एलर्जी के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट में प्रतिदिन 20 से अधिक मरीज गले में दर्द, चैम्बरन और छात्रों की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। मित्र का कहना है कि इस बहुसंख्यक समस्या का कारण ग़लत विकल्प है। जिन लोगों के गले की चकाचौंध हो रही है। कुछ गंभीर मामलों में गले की एलर्जी के साथ-साथ भी दिखाई दे रहे हैं, जो उनकी स्थिति को और अधिक पीड़ादायक बना रहे हैं। संयुक्त उप जर्नलिस्ट के ई एनटी विशेषज्ञ डॉ. दिगपाल दत्त ने लोकल 18 को बताया कि इन दिनों गले में तकलीफ, गले में कुछ दांतों का दर्द और गले की एलर्जी के मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं।

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ये है गले में एलर्जी का कारण

डॉ. दिगपाल नियुक्त हैं कि मरीज इसे एलर्जी समझकर मेडिकल स्टोर से कई प्रकार के दर्द निवारक औषधि और एंटीबायोटिक ले रहे हैं और विभिन्न प्रकार की जांच भी करा रहे हैं, लेकिन बीमारी का सही कारण पता नहीं चल पा रहा है। इसका मुख्य कारण गलत अनुपात है, जिससे विद्यार्थियों को हाइपरटेंशन एसिडिटी और गैस जैसी समस्या हो रही है। वर्तमान समय में लोगों का संविधान सही नहीं है और उनकी जीवनशैली में भी काफी बदलाव आ गये हैं। वे कई प्रकार के खाद्य पदार्थ खा रहे हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

इन बातों का ध्यान

उन्होंने बताया कि गले में एलर्जी होने वाले दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाएं बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि ये दवाएं पेट में एलर्जी पैदा कर सकती हैं। अगर गले में दर्द हो या आवाज में बदलाव आ जाए तो मरीज को परेशान नहीं होना चाहिए। पानी की संरचना में अधिक से अधिक मात्रा में फास्ट फूड से लेकर आवश्यक सामान शामिल होना चाहिए। चाय और सिगरेट जैसे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये हाइपर एसिडिटी और गैस की समस्या को बढ़ा सकते हैं, जो गले की एलर्जी का कारण बनते हैं।


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