हेल्थ इंश्योरेंस वालों के लिए मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, जानें अब क्या होगा फायदा #INA

Medical Insurance: भागती दौड़ती लाइफस्टाइल में हर किसी के पास जिस चीज की कमी है वह है समय. क्योंकि काम की वजह से लोग इतना व्यस्त हो जाते हैं कि खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं. खास तौर पर सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि मेडिकल इंश्योरेंस ले लिया जाए ताकि अस्पतालों के मोटे-मोटे बिलों से मुक्ति मिल सकते हैं. ऐसे ही हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों के लिए अब मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. 

मोदी सरकार का बड़ा ऐलान

हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस लेने वालों के लिए दिवाली से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है. हाल में आयोजित जीओएम की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत अब आम आदमी को राहत देने के लिहाज से हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी में कटौती का समर्थन किया गया है. 

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क्या मिलेगा फायदा

जल्द ही राज्य मंत्रिस्तरीय पैनल की ओर से दिए गए समर्थन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी है इस फैसले पर मुहल भी लग जाएगी. इसके तहत लोगों को इंश्योरेंस की प्रीमियम पर मिलने वाली जीएसटी में कटौती हो जाएगी. यानी प्रीमियम की रकम कम हो जाएगी. 

सबको नहीं मिलेगी छूट

खास बात यह है कि यह छूट हर किसी को नहीं मिलेगी. इसको लेकर भी एक निश्चित फॉर्मूला तैयार किया गया है. इसी फॉर्मूले को बैठक में प्रस्तावित किया गया है. हालांकि अंतिम मुहर जीएसटी काउंसिल की बैठक में लगेगी, लेकिन इतना तय है कि यह छूट सभी को नहीं दी जाएगी. 

इन पॉलिसी पर मिलेगी छूट

जीएसीट कटौती की छूट अगर लेना है तो उसके लिए एक निश्चित रकम तक की पॉलिसी वालों को ही यह फायदा मिलेगा. इसकी रकम 5 लाख रुपए निश्चित की गई है. इसके साथ ही टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ-साथ सीनियर सिटिजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट मिल सकती है. 

अभी कितनी लगती है जीएसटी

बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस के साथ फैमिली फ्लोटर पॉलिसी और टर्म इंश्योरेंस पर अब तक जो जीएसटी लगाई जाती है वह 18 फीसदी है. माना जा रहा है कि जल्द ही इसमें कटौती की जा सकती है. 

क्यों लगाया जाता है जीएसटी

दरअसल गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST को बीमा पर लगाए जाने को लेकर कई लोगों ने एतराज जताया है. खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इसका विरोध कर चुके हैं और इसमें कटौती की मांग कर चुके हैं. दरअसल सरकार ने 2017 से देशभर में जीएसटी कर प्रणाली शुरू की थी. इसके तहत कपड़े से लेकर उपभोक्ता वस्तु, इलेक्ट्रॉनिक कई क्षेत्रों पर इसे लागू किया गया था. इसी में बीमा को भी एक फाइनेंशियल सर्विस के तौर पर मानते हुए इस पर जीएसटी लागू की गई थी. 

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