उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 1.56 लाख पुलिस कर्मियों की हो चुकी भर्ती : सीएम योगी #INA
लखनऊ, 17 दिसंबर (.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डबल इंजन सरकार में यूपी की बदली पहचान से सदन को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 1.56 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती अब तक पूरी हो चुकी है। वे सभी कार्य कर रहे हैं, इसमें 22,700 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। बालिकाओं को भी पुलिस बल में मौका दिया गया है, उनके लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित करते हुए भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हमारी सरकार ने 60,200 से अधिक पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को बहुत शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया है। प्रदेश के अंदर हर जनपद के युवा इस भर्ती में आए हैं। हमारी सरकार ने सात-साढ़े सात वर्ष में सिंचाई, वन, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों में लगभग 7 लाख के करीब भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया है। भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शिता और ईमानदारी से हुई है, इस पर कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर सकता है।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की स्थिति क्या थी। कौन नहीं जानता कि क्या होता था। आप लोग भूल गए, जब 86 एसडीएम पद में से 56 एक ही जाति विशेष के लोग भर दिए गए। दूसरा, वही प्रयागराज है, जहां पब्लिक सर्विस कमीशन के कार्यालय में महीनों तक यूपी के नौजवानों ने धरना दिया था। एक अयोग्य व्यक्ति, उस पद के लिए उपयुक्त नहीं था, जिसकी डिग्री फर्जी थी, उसे आयोग का अध्यक्ष बनाकर पूरे कमीशन और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था। उस समय कैसे-कैसे लोग अध्यक्ष बनाए गए थे, जो स्वयं एक लेक्चरर होने के एलिजिबिल नहीं थे। हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन थर्ड डिवीजन, पीएचडी की डिग्री भी फर्जी, वह व्यक्ति उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बन गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रिफॉर्म किए जाते हैं। आयोगों और बोर्डों को इसका पूरा अधिकार होता है। प्रक्रिया ईमानदारी से पूरी होनी चाहिए। पब्लिक सर्विस कमीशन, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और शिक्षा आयोग भी उसके लिए अधिकृत होते हैं। वे इस प्रक्रिया को कर सकते हैं। जब भी उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए जरूरत होती है, वे इस प्रकार के कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनकी शुचिता और पारदर्शिता पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता। इसीलिए, इन युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के लिए मैं और मेरे मंत्रिमंडल के सदस्यगण जाते हैं। जनप्रतिनिधियों से भी कहते हैं कि वो जिले-जिले में जाकर नियुक्ति पत्र वितरण में योगदान दें। हर नौजवान इसके लिए खुश होता है कि सिफारिश किए बगैर न सिर्फ हमारी नियुक्ति हुई, बल्कि हमें नियुक्ति पत्र भी प्राप्त हो रहा है। यह हमारे लिए जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति इसीलिए है, क्योंकि यूपी में अधिक से अधिक निवेश आए। ये 40 लाख करोड़ रुपए का जो निवेश है, यह उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 25 लाख से अधिक नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी की गारंटी दे रहा है। इसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को हम धरातल पर उतार चुके हैं और 10 लाख करोड़ पाइपलाइन में हैं, जिसे हम कभी भी ग्राउंड ब्रेकिंग करके आगे बढ़ा सकते हैं। यहां सुरक्षा, बेहतर कानून व्यवस्था और दंगा मुक्त प्रदेश का वातावरण बना है। इस कारण देश और दुनिया का हर निवेशक प्रदेश में आना चाहता है। इसी का परिणाम है कि 2012-17 के बीच में प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 फीसदी से अधिक थी और आज यह 2.4 है। यह चीजें दिखाती हैं कि सरकार के कदम अच्छी दिशा में आगे बढ़े हैं। सरकार ने रोजगार सृजन के लिए भी मेले लगाए हैं। स्किल डेवलपमेंट, पीएम विश्वकर्मा, विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से जगह-जगह रोजगार मेले लग रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि आज के दिन जब रिजर्व बैंक अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करता है तो उसकी रिपोर्ट कहती है कि भारत के अंदर उत्तर प्रदेश का बैंकों से लेनदेन सर्वाधिक है। जब हम लोग आए थे तब सीडी रेशियो 44 के आसपास था और आज यह 60 फीसदी है। यह दिखाता है कि यदि 100 रुपए जमा हो रहा है तो 60 रुपये यूपी के अंदर ही यहां के नौजवानों, बेरोजगारों और यूपी के ही व्यवसायियों को राज्य के अंदर रोजगार सृजन करने, यूपी में नए रोजगार को बढ़ाने में मदद करता है। हम मानते हैं कि इसको 75 फीसदी होना चाहिए था, लेकिन हमको विरासत में क्या मिला था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर एमएसएमई सेक्टर रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम है, वह मृतप्रायः सा हो चुका था। आज वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के माध्यम से भी हम लोगों ने लाखों नौजवानों को उन्हीं के जनपद में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। कृषि सेक्टर में जो रिफॉर्म हुए हैं, जो सुविधाएं मिली हैं, उससे किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का काम किया गया है। प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी लाकर पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। खेती की विविधीकरण की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं। 23 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसने किसानों की आमदनी को बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग कैसे चलने चाहिए, चीनी उद्योग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। आप लोग चीनी उद्योगों को बेच रहे थे, तबाह कर रहे थे, आज 120 चीनी मिलें अकेले उत्तर प्रदेश चला रहा है और उनमें से 100 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो एक सप्ताह से दस दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं, बाकी 20 चीनों मिलों पर भी दबाव है कि आप भी इस प्रक्रिया के साथ जुड़िए। देश के अंदर सबसे अधिक कंप्रेस्ड बायोगैस के प्लांट लगाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। एथेनॉल उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। सबसे अधिक चीनी उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। सबसे अधिक रोजगार और नौकरी देने वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश है। इस दिशा में और भी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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