देश- नालंदा की 100 साल पुरानी मस्जिद, जिसकी आज भी देखभाल करते हैं हिंदू; गांव में नहीं एक भी मुस्लिम- #NA

नालंदा की 100 साल पुरानी मस्जिद, जिसकी देखभाल करते हैं हिंदू.

एक भारत वह है, जहां संभल इलाके में स्थित मंदिर 46 वर्षों तक इसलिए बंद रहता है, क्योंकि इस इलाके के सभी हिंदू पलायन कर चुके हैं. इस इलाके में लगभग 100% मुसलमानों की आबादी है. इसलिए 46 वर्षों से इस इलाके में मंदिर को बंद कर दिया जाता है. दूसरा भारत वह है, जहां नालंदा के माड़ी गांव में लगभग 100% हिंदुओं की आबादी है. यहां से सभी मुस्लमान भाई पलायन कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां पर रहने वाले हिंदू इस इलाके में स्थित मस्जिद की देखभाल करते हैं.

हिंदू भाइयों के द्वारा मस्जिद को पूरी तरह से सुरक्षित रखा गया है. इतना ही नहीं इस मस्जिद में हिंदू भाइयों के द्वारा पेन ड्राइव लगाकर माइक के सहारे पांच वक्त की नमाज भी अदा की जाती है. हिंदू समाज इस मस्जिद की देख-रेख ठीक उसी तरह से करते हैं, जैसे एक मंदिर की की जाती है. यह वो अंतर है, जो धर्मनिरपेक्ष भारत को दिखाता है. नालंदा ज्ञान की धरती रही है और हमेशा देश और दुनिया को ज्ञान की रोशनी देने का काम किया है, जिसका जीता जागता उदाहरण वेन प्रखंड का माड़ी गांव है, जो आज इस बात की गवाही दे रहा है.

100 साल पुरानी मस्जिद

इस गांव में रहने वाले स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह मस्जिद 100 साल से भी पुरानी है. इसकी देखभाल इस गांव के रहने वाले ग्रामीणों के द्वारा ही की जाती है. इस गांव में जिसके घर में भी शादी होती है, वह सबसे पहले इसी मस्जिद में आकर मत्था टेकने का काम करता है. इस मस्जिद के अंदर रखे एक पत्थर की खासियत है कि अगर किसी के गाल में सूजन आ जाती है तो इस पत्थर को घिस कर लगाने से वह ठीक हो जाता है.

गांव के जमींदार ने बनवाया था मस्जिद

इस मस्जिद का निर्माण इसी गांव के जमींदार के द्वारा कराया गया था. हालांकि इस गांव में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग अब इस गांव में नहीं रहते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय के द्वारा बनाई निशानी को आज भी हिंदू समाज के लोग सहेज कर रखे हुए हैं. हालांकि गांव में अप्रिय घटना घट जाने के कारण फिलहाल कुछ महीनों से इस मस्जिद की देखभाल ठीक तरीके से नहीं की जा रही है.

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