2014 से अब तक 2710 भारतीय कैदी पाकिस्तान से लाए गए वापस

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक-दूसरे की हिरासत में बंद आम नागरिकों और मछुआरों की सूचियों का आदान-प्रदान किया। भारत ने अपनी हिरासत में बंद 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो पाकिस्तानी हैं या पाकिस्तानी माने जाते हैं। इसी तरह, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में बंद 49 नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो भारतीय हैं या भारतीय माने जाते हैं।

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विदेश मंत्रालय के अनुसार कांसुलर एक्सेस 2008 पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत, ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है। मंत्रालय ने कहा भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों तथा लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है। पाकिस्तान से 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
इसके अलावा पाकिस्तान से कहा गया है कि वह उसकी हिरासत में मौजूद 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल कांसुलर एक्सेस प्रदान करे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं और जिन्हें अब तक कांसुलर एक्सेस प्रदान नहीं किया गया है। पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि जब तक भारतीय कैदियों की रिहाई या प्रत्यावर्तन नहीं हो जाता, तब तक वह सभी की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करे।

भारत ने पाकिस्तान से भारत की हिरासत में मौजूद उन 76 कैदियों की राष्ट्रीयता सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा है, जो पाकिस्तानी नागरिक हो सकते हैं और जिनका प्रत्यावर्तन पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में लंबित है।

विदेश मंत्रालय ने कहा सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें 2023 से अब तक पाकिस्तान से वापस लाए गए 478 भारतीय मछुआरे और 13 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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