यूपी- कानपुर नगर निगम स्कूल में 5 टीचरों की गई नौकरी, आउटसोर्सिंग पर की गई थी तैनाती; क्यों हुई कार्रवाई? – INA

कानपुर नगर निगम के शिक्षा विभाग में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. यह घोटाला आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष मिश्रा की शिकायतों के बाद उजागर हुआ. आशीष ने आरोप लगाया कि पूर्व नगर आयुक्त और जेटीएन कंपनी की मिली भगत से अयोग्य शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं और इसमें लाखों रुपए का लेन-देन हुआ.
आशीष मिश्रा ने इस घोटाले की शिकायत पहले नगर आयुक्त शिवशरण बप्पा से की थी और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखा था. उन्होंने इन शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसे अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों का भविष्य खतरे में है.
पांचों शिक्षक तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त
कार्रवाई के तहत नगर निगम के कार्मिक विभाग ने पांचों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया है. इन शिक्षकों की नियुक्ति गलत तरीके से, जेटीएन कंपनी के माध्यम से की गई थी. जिन शिक्षकों को सेवा मुक्त किया गया, उनमें आशीष अग्निहोत्री, सिद्धार्थ वाजपेई, मुनीष मिश्रा, सुनील और आकाश शामिल हैं. इनकी नियुक्ति कानपुर डीपीएस नवाबगंज में की गई थी और यह भर्ती पूरी तरह से अवैध थी.
जेटीएन कंपनी की मिलीभगत से हुआ पूरा खेल
आशीष मिश्रा ने बताया कि नगर निगम के स्कूलों में जेटीएन कंपनी ने अपने करीबी लोगों को नौकरी दी और मानक के विपरीत 40 बच्चों पर एक शिक्षक का अनुपात बनाए बिना नियुक्तियां की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेटीएन कंपनी के माध्यम से नगर निगम स्कूलों में 50 से अधिक गलत भर्तियां की गईं.
सिर्फ नियुक्तियां हुईं, पढ़ाने कोई नहीं आया
आशीष ने बताया कि डीपीएस नवाबगंज में इन शिक्षकों की नियुक्ति बिना किसी शैक्षिक योग्यता के, प्रधानाचार्य की डिमांड पर की गई थी. यहां तक कि कुछ शिक्षकों को ऐसे विषयों में नियुक्त किया गया, जिनकी कक्षाएं तक नहीं होती थीं. आशीष ने यह भी दावा किया कि वर्तमान प्रधानाचार्य नंदकिशोर मिश्रा इस घोटाले में शामिल थे और उन्होंने अपनी बहनों और भांजे को भी स्कूल में नियुक्त किया था.
कानपुर कमिश्नर और नगर आयुक्त से आशीष मिश्रा ने इस मामले की शिकायत की थी. वर्तमान में नंदकिशोर मिश्रा की नियुक्ति और अन्य कथित घोटालों की जांच कानपुर जिला विद्यालय निरीक्षक कर रहे हैं.
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