दुनियां – 70 वकीलों और पत्रकारों को रिहा किया जाए… बांग्लादेश अल्पसंख्यक परिषद ने उठाई मांग – #INA

बांग्लादेश में इस समय हालात काबू में नहीं है. देश में हिन्दू संत चिन्मय दास को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है, इसी के बाद से देश में हलचल मची हुई है. अब बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (Bangladesh Hindu Buddhist Christian Unity Council) ने चटगांव के 70 अल्पसंख्यक वकीलों और दो पत्रकारों पर ‘क्रूड बम’ विस्फोट और कार बर्बरता सहित लगे आरोपों की निंदा की है. साथ ही कहा है कि यह आरोप मनगढ़ंत और झूठे हैं.
बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, देश में ISKCON धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस हिंसा में एक वकील की जान चली गई थी. वकील की मौत के बाद केस दर्ज किए गए. आरोपियों में 70 वकील और दो पत्रकार भी शामिल हैं.
अल्पसंख्यक परिषद ने उठाई मांग
वकीलों और पत्रकारों पर केस दर्ज होने के बाद रविवार को एक आधिकारिक बयान में, परिषद ने कहा कि यह मामला चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले में बाधा डालने और इसी से संबंधित समाचारों के प्रसार को जबरन रोकने के मकसद से दर्ज किया गया था, जो मानवाधिकारों और कानून के शासन का उल्लंघन करता है.
परिषद ने यह भी मांग की कि बांग्लादेशी सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारी झूठे मामले को तुरंत वापस लें और वकीलों और पत्रकारों को रिहा करने के लिए तत्काल कदम उठाएं. यह मामला शनिवार को बांग्लादेश के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था.
दो पुजारियों के गायब होने का आरोप
इस्कॉन कोलकाता ने शनिवार को आरोप लगाया है कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने दो पुजारी आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही आरोप लगाया गया कि चिन्मय के सचिव कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने कहा कि पुजारियों को पुलिस ने शुक्रवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वो चिन्मय कृष्ण दास से मिलने के बाद घर जा रहे थे.
बांग्लादेश में 25 नवंबर को राजद्रोह के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था. राधा रमण ने कहा, 29 नवंबर को जब आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी चिन्मय कृष्ण प्रभु से मिलकर लौट रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हमें यह भी जानकारी मिल रही है कि चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
उन्होंने आगे दावा किया कि दंगाइयों ने बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र में भी तोड़फोड़ की. बांग्लादेश में हालात तब से गंभीर बने हुए हैं जब से चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है. दास की गिरफ्तारी के बाद से ही देश में उनको रिहा करने के लिए आंदोलन छिड़ गया. 27 नवंबर को छिड़ी आंदोलन में पुलिस और समर्थकों के बीच हुई झड़प में एक वकील की हत्या हो गई.
भारत ने भी किया विरोध
भारत में भी बांग्लादेश में हिंदूओं के ऊपर किए जा रहे अत्याचार का जमकर विरोध हो रहा है. शुक्रवार को भारत ने बांग्लादेश में चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर कहा, भारत ने बांग्लादेशी सरकार के साथ हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का मुद्दा लगातार उठाया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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