हाजीपुर केंद्रीय विद्यालय में उम्मीद की एक नई किरण – सत्र 2025-26 से फिर खिलेंगे बचपन के फूल

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली जिले के हाजीपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय, जो पिछले कुछ सालों से बदहाली का शिकार था, अब एक नई उम्मीद लेकर सामने आ रहा है। जीर्ण-शीर्ण भवन और मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते पिछले तीन सालों से कक्षा एक से चार तक की कक्षाएं बंद थीं, जिससे छात्रों और अभिभावकों को भारी परेशानी हो रही थी। लेकिन अब, जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयासों से केंद्रीय विद्यालय हाजीपुर में सत्र 2025-26 से फिर से कक्षा एक से चार तक की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। ये सच में बहुत बड़ी राहत की खबर है।

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जीर्ण-शीर्ण भवन से शिक्षा में रुकावट

केंद्रीय विद्यालय हाजीपुर की हालत काफी समय से खस्ता थी। क्लास रूम की छत टपकती थी, दीवारों में दरारें थीं और मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। ऐसी स्थिति में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि असुरक्षित भी था। इस कारणवश, विद्यालय प्रशासन ने कक्षा एक से चार तक की कक्षाओं को बंद करने का निर्णय लिया। तीन साल से छोटे बच्चे स्कूल से वंचित थे, जिससे उनके भविष्य पर भी असर पड़ रहा था।

जिलाधिकारी का सराहनीय प्रयास

इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, वैशाली के जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने पहल की। वे केंद्रीय विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर विद्यालय की स्थिति को सुधारने के लिए योजना बनाई और उसे क्रियान्वित किया। उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप, विद्यालय का भवन अब मरम्मत के लिए तैयार है और जरूरी सुविधाओं को भी बहाल किया जा रहा है।

उपायुक्त का सर्कुलर: खुशी की लहर

केंद्रीय विद्यालय संगठन, पटना संभाग के उपायुक्त ने दिनांक 5 मार्च, 2025 को एक सर्कुलर जारी कर इस खबर की पुष्टि की है। सर्कुलर में कहा गया है कि सत्र 2025-26 से कक्षा एक से चार तक की पढ़ाई फिर से शुरू की जाएगी। इस खबर से स्थानीय लोगों और शिक्षकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। सब श्री यशपाल मीणा की प्रशंसा कर रहे हैं की उन्होंने बच्चों के भविष्य के लिए इतना बड़ा कदम उठाया। सच में ये काबिले तारीफ है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासी राम किशोर बताते हैं, “हम बहुत खुश हैं कि हमारे बच्चों को अब घर के पास ही अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। पहले हमें उन्हें दूर के स्कूलों में भेजना पड़ता था, जिससे काफी परेशानी होती थी।” वहीं, शिक्षिका सुनीता देवी कहती हैं, “यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी राहत है। हम बच्चों को पढ़ाने के लिए उत्सुक हैं और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने में अपना योगदान देना चाहते हैं।”

शिक्षा का महत्व और भविष्य की राह

शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है। केंद्रीय विद्यालय जैसी संस्थाएं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हाजीपुर केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक से चार तक की पढ़ाई फिर से शुरू होने से निश्चित रूप से स्थानीय बच्चों को लाभ मिलेगा और उनके भविष्य को नई दिशा मिलेगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में केंद्रीय विद्यालय हाजीपुर शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा। और बच्चो के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे।

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