भक्ति का अनुपम संध्या: खाटूधाम की निशान यात्रा के साथ सम्पन्न हुई पूर्णिमा दीदी की भजन संध्या
आगरा, 23 दिसंबर। पवित्र भक्ति और प्रेम का अनुभव करने के लिए भक्तों की एक अद्भुत भीड़ ने खाटूधाम की निशान यात्रा के दौरान आयोजित भजन संध्या में भाग लिया। इस भजन संध्या का आयोजन श्रीखाटू श्याम जी मंदिर, जीवनी मंडी के सानिध्य में श्रीश्याम सेवक परिवार समिति और मंगलमय परिवार द्वारा कोठी मीना बाजार में किया गया। पूर्णिमा दीदी के भव्य भजनों ने आज रात आगरा में भक्ति की एक अद्भुत लहर उत्पन्न की।
भजन संध्या की शुरुआत पूर्णिमा दीदी के भावपूर्ण भजनों से हुई। जैसे ही पूर्णिमा दीदी मंच पर आईं, उन्होंने सबसे पहले ठाकुर जी को नमन किया और “हमारे हैं श्री गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता” भजन गाया। इस भजन ने पंडाल में उपस्थित सभी भक्तों के हृदय में भक्ति का ज्वार भर दिया। भजन संध्या में “मोहे लागे प्यारो नाम राधारानी को” और “जब सामने होवे यार तो नचना पैंदा है” जैसे भजन गाए गए, जिसने भक्तों को दिव्य आनंद में डुबो दिया।
पूर्णिमा दीदी के साथ-साथ स्थानीय भजन कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से भक्तों का दिल जीत लिया। भजन संध्या में सैंकड़ों भक्तों ने भाग लिया और सभी के चेहरे पर खुशी का भाव साफ देखा गया। दिखावे की बजाय, शुद्ध भक्ति और सच्चे प्रेम से भरे हुए भजन सुनकर हर कोई भावुक हो गया था।
भक्ति की गहराई में उतरते हुए
पूर्णिमा दीदी ने भजनों के माध्यम से बिहारी जी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि सभी तीर्थ एक बार कर आओ तो तसल्ली हो जाती है लेकिन बिहारी जी में कुछ ऐसा खास है कि बार-बार जाकर भी मन नहीं भरता। यह शब्द वास्तव में भक्ति की गहराई को प्रदर्शित करते हैं। भक्तों के बीच उपस्थित सभी लोग भक्ति की इस धारा में बहते रहे और भावभक्ति से झूमते रहे।
भजन संध्या के दौरान, भाई-विपिन बंसल ने बताया कि भक्तों ने देर रात तक पूर्णिमा दीदी के भजनों का आनंद लिया। पंकज अग्रवाल और आकाश अग्रवाल ने बताया कि भजनों के साथ-साथ प्रसादी वितरण का आयोजन भी किया गया, जिससे भक्तों को आंतरिक शांति और संतोष का अनुभव हुआ।
विशेष अतिथि और उपस्थिति
इस भजन संध्या में कई विशेष अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें छोटे लाल बंसल, रविशंकर अग्रवाल, अजय अवागढ़, यश हेमेंद्र अग्रवाल, सुनील शुक्ला, गौरव बंसल, विकास गोयल, विशाल गोयल और कई अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल थे। इन सभी ने भक्ति के इस अनूठे अनुभव को साझा किया और इसमें अपनी भागीदारी निभाई।
भक्ति की निरंतरता
खाटूधाम की निशान यात्रा एवं पूर्णिमा दीदी की भजन संध्या ने ग्रहण किया एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया है। यह एक संकेत है कि भक्ति का यह मार्ग हमेशा खुला रहता है। भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे, जो भक्ति की महिमा को आगे बढ़ाएंगे और सभी भक्तों को एक साथ लाएंगे।
इस भजन संध्या के आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि भक्ति केवल एक क्रिया नहीं, बल्कि यह एक अनुभव है जो हृदय को छूता है। भक्ति का यह ज्वार शीत लहर को मात देकर हर भक्त के हृदय को गर्माहट से भर देता है। इस अनुभूति के साथ, हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और हमारी श्रद्धा और भक्ति बढ़ती है।
आइए, हम सब मिलकर इस भक्ति का जश्न मनाए और पूरी निष्ठा के साथ इसे आगे बढ़ाते रहें। भजनों की धुन में झूमना और भक्ति में डूबना ही हमारे जीवन का असली मकसद होना चाहिए।
इस भजन संध्या ने हमें सिखाया कि संकीर्णता को भुलाकर सबको एकजुट होना चाहिए और भक्ति की इस धारा में बहना चाहिए।