आगरा में स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी: भक्ति का अद्भुत उत्सव

आगरा, 23 दिसम्बर। स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी का दिव्य दरशन करने के लिए भक्तों की लाइनें लगी रहीं। श्रीगिरिराज जी सेवक मंडल द्वारा आयोजित 56 भोग मनोरथ उत्सव ने आगरा के दानघाटी में हर भक्त के दिल में भक्ति का एक नया उल्लास भरा। इस दो दिवसीय उत्सव का समापन एक अनोखे भक्ति दृश्य के साथ हुआ, जो सभी के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।

भक्ति का आलोक: विशेष कार्यक्रम

दूसरे दिन के आयोजन की शुरुआत ठाकुर जी को बाल भोग खिचड़ी अर्पित करने के साथ हुई। इस भोग का भक्तों में भी वितरण किया गया, जिससे भक्तों का हृदय आनंद से भर गया। कार्यक्रम में कार्ष्णि संत हरिओम बाबा और बल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत सुनील नागर ने उपस्थित होकर इस भक्ति के माहौल को और भी पवित्रता प्रदान की। कार्यक्रम में शामिल हुए भक्‍तों ने श्रीगिरिराज जी की आरती उतारी और प्रभु के दर्शन का लाभ लिया।

भव्य सजावट और सुन्दरता

इस उत्सव में स्वर्ण नौका में विराजे ठाकुर जी को हरित थीम पर प्रस्तुत किया गया था। विदेशी फूलों से सजे बंगले में ठाकुर जी के दर्शन के लिए लोग ठहर गए। सभी भक्तों ने भक्ति में खोकर नृत्य किया और अपनी भक्ति की भावना को व्यक्त किया। स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी ने भक्तों को अनुपम शांति और प्रसन्नता का अनुभव कराया।

विशेष भोग और प्रसाद

इस उत्सव में 11000 किलो घी से निर्मित छप्पन भोग 1100 चांदी की छबरियों में अर्पित किया गया। यह प्रति व्यक्ति के लिए एक दिव्य अनुभव था, जिसने सभी को भक्ति में डुबो दिया। फिर इसके बाद खीर, पुआ, मोहनथाल और अन्य व्यंजनों से बने स्वादिष्ट प्रसाद को हजारों भक्तों ने चखा। यह पारंपरिक भोग का आयोजन सभी के लिए खास रहा, क्योंकि इसमें भक्ति के साथ-साथ आहार का भी ध्यान रखा गया था।

आगरा में स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी: भक्ति का अद्भुत उत्सव Agra INA News
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भजन संध्या का आनंद

सायंकाल, आश्रम परिसर में ब्रज के भजनों की धूम मची रही। भक्तों ने भजनों पर नृत्य किया और अपने प्रभु के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की। भजन संध्या ने सभी को एक नई ऊर्जा दी, और भक्तों ने मिलकर एक साथ प्रभु का भजन गाया। इस आयोजन ने भक्ति के नए आयाम को छू लिया।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस भव्य अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिनमें आरएस गु्प्ता, मनीष अग्रवाल, और सौरभ सिंघल जैसे विशिष्ट जन शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने इस उत्सव को और भी महत्त्वपूर्ण बना दिया। सभी ने मिलकर इस आयोजन की भव्यता को बढ़ाया और एकता का परिचय दिया।

इस उत्सव ने न केवल आगरा बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी भक्ति का नया संचार किया है। स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी का यह भव्य आयोजन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। भक्तों ने इस मौके पर अपनी आस्था को और भी मज़बूत किया है। उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसे सुंदर और भक्ति-पूर्ण आयोजन होते रहेंगे।

इस प्रकार, स्वर्ण नौका में विराजे श्रीगिर्राज जी का यह 56 भोग मनोरथ उत्सव एक अद्भुत अनुभव बन गया है, जो भक्तों के दिलों में हमेशा के लिए बसा रहेगा। आइए, हम सभी मिलकर इस भक्ति के उत्सव को और आगे बढ़ाएँ और अपनी आस्था को नई ऊँचाईयों पर ले जाएँ।

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