तहसीलदार न्यायालय पर अधिवक्ताओं ने लगाया अनियमितता का आरोप,सौंपा सीडीओ को पत्रक ।
दुद्धी/सम्पूर्ण समाधान दिवस में शनिवार को सिविल बार एसोशिएशन के अध्यक्ष विष्णु कांत तिवारी के नेतृत्व में सीडीओ जागृति अवस्थी को तहसीलदार दुद्धी के न्यायालय में भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा।मामले की गंभीरता देखते हुए सीडीओ ने उपजिलाधिकारी निखिल यादव को जांच का निर्देश दिया है।
अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि तहसीलदार दुद्धी के न्यायालय में वर्तमान में कार्यरत तहसीलदार का कार्य व्यवहार, अनियगित्ता व भ्रष्टाचार के आकंठ ने डूबे हुए है।तहसीलदार दुद्धी के न्यायालय के सभी फैसले घुसखोरी व भ्रष्टाचार से भरी हुई है। इनके न्यायालय में किसी भी प्रकार का रूलिंग दिखाने का और किसी कानूनसम्मत व विधि सम्मत आदेश मिलने की सभी सम्भावना समाप्त हो चुकी है। जिससे क्षुब्ध होकर सिविल बार एसोशिएशन दुद्धी सोनभद्र से प्राप्त प्रार्थना पत्र पर गम्भीरता पूर्वक विचार करने व जांच पड़ताल करने पर प्रथम दृष्टया तहसीलदार की कार्य प्रणाली भ्रष्टाचार में पूरी तरह संलिप्त है।इस सम्बंध में सिविल बार एसोशिएशन दुद्धी के द्वारा पूर्व में भी पत्रक देकर अवगत कराया गया था ,किन्तु अभी तक किये गये कार्यवाही की जानकारी नही हो पायी है।
इसी प्रकार तहसील दुद्धी के अन्तर्गत स्थित विभिन्न राजस्व न्यायालय तथा उपजिलाधिकारी न्यायालय नायब तहसीलदार न्यायालय, उपजिलाधिकारी न्यायिक न्यायालय सभी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। बाहूबली व पैसे वाले लोग पैसे के दम पर मनमाना फैसला करा ले रहे हैं, जिससे गरीब आदिवासी लोगों को जो सही के हकदार हैं उनको न्याय नही मिल पा रहा है। न्यायालयों में अधिकारी व कर्मचारी इस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं कि वे अधिवक्ताओं के साथ भी बदसलूकी कर रहे हैं। दुद्धी तहसील में राजस्व न्यायालयों में जिन पत्रावलियों में घूस नही दी जा रही है वे पत्रावलियां लम्बित पड़ी हुई हैं।
दुद्धी तहसील मुख्यालय पर आर्टिके खतौनी लागू हो जाने के बाद बहुत सारी समस्यायें जैसे वरासत एवं दाखिल खारिज करने के बाद खतौनी पर अमल दरामद नही हो पा रहा है, इस सम्बंध में भी तहसील मुख्यालय पर तैनात तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी महोदय से वार्ता की गयी किन्तु किसी प्रकार का निराकरण नही किया गया, जिस कारण तमाम वरासत एवं दाखिल खारिज की प्रक्रिया वर्षों से लम्बित पड़ी हुई हैं। इस दौरान रामलोचन तिवारी,प्रभु सिंह, राजेंद्र अग्रहरि राकेश श्रीवास्तव मनोज मिश्रा ,शिवशंकर गुप्ता सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।