CG News: बसवराजू के बाद अब हिड़मा का नंबर! आखिर कहां छिपा है खूंखार नक्सली? एक करोड़ का है इनाम- #INA

छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ के जंगल बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस दौरान पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर के बॉर्डर इलाके में मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में जवानों को बड़ी सफलता मिला और 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया. लगभग 50 घंटे से इस पूरे इलाके में ऑपरेशन चल रहा है. सेना के जवानों ने मुठभेड़ के दौरान खूंखार नक्सली लीडर बसवराजू को भी ढेर कर दिया है. बसवा राजू को नक्सलियों का थींक टैंक कहा जाता था. दरअसल, अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों का सेफ प्लेस माना जाता है. नक्सलियों के गढ़ में घुसकर जवानों ने नक्सलियों के टॉप लीडर को मार गिराया है. बसवराजू के बाद अब सवाल ये है कि आखिर खूंखार नक्सली माड़ंवी हिड़मा कहां है.
बीजापुर बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया. सेना के ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए थे. यह वही खतरनाक इलाका है, जो कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा, दामोदर, आजाद और सुजाता जैसे दुर्दांत नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता था. सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए नक्सलियों के इस मजबूत गढ़ को ध्वस्त कर दिया है. हिड़मा अभी भी अबूझमाड़ इलाके में ही है. इसके लिए सुरक्षाबल लगातार सर्चिंग कर रहे है.ट
क्या सरेंडर करेगा नकसली कमांडर हिड़मा?
केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि एक करोड़ का इनामी और खूंखार नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा कहा है? क्या वो सरेंडर करेगा? नक्सल संगठन में वो कितना पावरफुल है. नक्सली कमांडर हिडमा के क्रिमिनल बायोडाटा में कई ऐसे कांड है जिसे सुनकर ही डर पैदा हो जाता है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों में छिपकर सेना के जवानों पर अटैक करता था. वहीं 25 मई 2013 में झीरम घाटी में हुई घटना का मास्टरमाइंड उसे ही माना जाता है.
कई नक्सली हमलों का कर चुका है नेतृत्व
जानकारी के मुताबिक, हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती में हुआ था. वो 1996 में नक्सलियों से जुड़ गया था. हिड़मा नक्सलियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) बटालियन-1 का हेड है. इसके अलावा माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का सदस्य है. साथ ही सीपीआई की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी से जुड़ा हुआ है. हिड़मा साल 2004 से अब तक 27 से अधिक हमलों में सक्रिय भूमिका में रहा है. इसमें साल 2013 का झीरम और 2021 का बीजापुर हमला भी शामिल है. अप्रैल 2017 के बुर्कापाल में हुए हमलों की साजिश भी हिड़मा ने ही रची थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए थे. इसके अलावा दंतेवाड़ा हमले का नेतृत्व भी हिड़मा ने ही किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. 2019 में रावुला श्रीनिवास रमन्ना की मौत के बाद हिड़मा को नक्सलियों का कमांडर की कमान मिली थी.
बसवराजू के बाद अब हिड़मा का नंबर! आखिर कहां छिपा है खूंखार नक्सली? एक करोड़ का है इनाम
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