World News: पहलगाम हमले के बाद पकिस्तान हुक्का-पानी बंद, समझें पीएम मोदी के फैसले के मायने? – INA NEWS

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्सा है और एक सुर में मोदी सरकार से बदला लेने की मांग की जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक में पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार मानते हुए सख्त प्रतिबंध लगाने के कदम उठाए गए हैं.
भारत ने पाकिस्तान के साथ सिधु जल संधि को स्थगित कर दिया, साथ में पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिया. यही नहीं अटारी चेक पोस्ट और पाकिस्तानी उच्चायोग बंद करने का भारत ने फैसला लिया है. पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करने के बाद भारत अब राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर उसे गहरी चोट देने की कवायद में लगा है.
पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े हालात पर विस्तारित रूप से चर्चा के लिए मोदी सरकार ने आज गुरुवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली में सभी दलों के नेताओं के बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि इस सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों के बारे में चर्चा की जाएगी और पाकिस्तान पर सरकार की ओर से सख्त कदम उठाने का फैसला लिया जा सकता है. इसके अलावा पीएम मोदी आज ही बिहार के मधुबनी में एक सर्वजनिक मंच पर जनता को संबोधित करेंगे, जिसमें आतंकियों और पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं?
पाकिस्तान का ‘हुक्का-पानी’ बंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने बुधवार को पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने का ऐलान किया. सीसीएस बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, पाकिस्तान के नागरिकों को SAARC वीजा योजना के तहत भी नहीं आने दिया जाएगा और अटारी एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया गया है.
विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत में पाकिस्तानी हाई कमीशन में रक्षा, सैन्य और नौसेना व वायुसेना सलाहकारों को सात दिन में देश छोड़ने को कहा गया है. साथ ही भारत ने पाकिस्तान में स्थित अपने उच्चायोग से सलाहकारों को वापस बुला लिया है. ऐसा तब तक जारी रहेगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन बंद नहीं कर देता. इस पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार मानते हुए भारत ने उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया है.
सिंधु जल संधि स्थगित करना बड़ा कदम
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाती है. 19 सितंबर 1960 को दोनों देशों के बीच 6 नदियों के पानी को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहते हैं. इसके तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदी का अधिकार मिला जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदी का इस्तेमाल की इजाजत होगी.
इस संधि का मकसद था कि दोनों देशों में पानी को लेकर कोई संघर्ष न हो, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत को सिंधु जल संधि को स्थागित करने जैसा कठोर फैसला लेना पड़ा.
भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में कई बार तल्खी आ चुकी हैं. आतंकी हमलों के साथ ही भारत के पाकिस्तान के साथ कई युद्ध भी हो चुके हैं, लेकिन भारत ने कभी भी पाकिस्तान का पानी नहीं रोका था. पाकिस्तान सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी का उपयोग मुख्य तौर पर खेती, पीने के पानी के लिए, हाइड्रोपावर, औद्योगिक उपयोग, मछली पालन और अन्य जलीय संसाधन, नौवहन और परिवहन के लिए करता है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने ये एक्शन लिया है. इस एक्शन से पाकिस्तान के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो सकता है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी कृषि-प्रधान है और सिंधु बेसिन इसकी जीवनरेखा है. इन नदियों के पानी से मुख्यतौर पर पंजाब और सिंध प्रांतों में सिंचाई की जाती है. इन प्रांतों में होने वाली गेहूं, चावल, कपास, गन्ना जैसी फसलें इन नदियों पर ही निर्भर हैं. पाकिस्तान के लाहौर, कराची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों और गांवों में नहरों के जरिए जल आपूर्ति के लिए इन नदियों के पानी का इस्तेमाल किया जाता है.
पाकिस्तान ने इन नदियों पर कई बांध और जलविद्युत परियोजनाएं बना रखे हैं. पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर ही निर्भर है. पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है. यानी आसान शब्दों में कहें तो भारत के इस कदम से पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल हो सकती है.
पाकिस्तान से खत्म किए सारे रिश्ते नाते
भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे नाते-रिश्ते खत्म पर कूटनीतिक तौर पर चोट दी है. पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित शख्स घोषित किया गया है. उन्हें एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. अटारी चेक पोस्ट बंद होने से अब दोनों देशों के बीच आवाजाही भी पूरी तरह से बंद होगी. अब तक भारत से जो छोटे-छोटे सामानों की आवाजाही भारत से होती थी, वह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगी. इसके अलावा भारत ने पाकिस्तानियों के वीजा पर भी रोक लगा दी है.
पाकिस्तान के नागरिकों को SAARC वीजा योजना के तहत भी भारत आने नहीं दिया जाएगा. पाकिस्तान के कई लोगों की रिश्तेदारी भारत में है. ऐसे में कई बार पाकिस्तानी लोग रिश्तेदार बनकर भारत आते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ सांकेतिक तौर पर सख्त संदेश दिया है. इस तरह यह पाकिस्तान से हर तरीके से संबंध तोड़ने की तैयारी है. पाकिस्तान को आर्थिक चोट देने के साथ ही भारत राजनीतिक और कूटनीतिक तौर पर भी अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने दिया सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने के साथ ही पाकिस्तान को पहलगाम हमले के लिए कड़ा संदेश दे दिया था. पीएम मोदी ने सऊदी से लौटते समय पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे जरिए भारत ने साफ कर दिया था कि पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान की हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे. सीसीएस की बैठक में भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात एडवाइजर्स को अवांछित घोषित कर दिया है. उन्हें देश छोड़ने के लिए महज एक हफ्ते का समय दिया है.
यही नहीं भारत ने पाकिस्तान से अपने सलाहकार भी बुला लिए हैं. सरकार के इस कदम से दोनों देशों के बीच सैन्य-स्तर की बातचीत और संपर्क पूरी तरह बंद हो जाएगी. इसके अलावा पहलगाम हमले के बाद दुनिया भर के देशों ने भारत के साथ खड़े होने का भी ऐलान किया. इतना ही नहीं आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा उठाए जाने वाले कदम का साथ देने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे रिश्ते खत्म कर लिए हैं, जो कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भी स्ट्रैटेजी मानी जा रही है.
मोदी सरकार के साथ खड़ा देश
पहलगाम हमले के बाद देश पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ खड़ा है. सरकार ने भी भरोसा दिया है कि पहलगाम के गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा. विपक्ष भी सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी हुई है. ऐसे में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है.
सूत्रों के मुताबिक यह बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होगी. सर्वदलीय बैठक में हमले के बाद की स्थिति, सुरक्षा उपायों और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. जिसमें तमाम दलों के नेता शामिल होंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि सर्वदलीय बैठक के दौरान पहलगाम हमले के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस पर चर्चा हो सकती है, साथ में सरकार के अगले कदम के बारे में जानकारी भी दी जा सकती है.
पहलगाम हमले के बाद पकिस्तान हुक्का-पानी बंद, समझें पीएम मोदी के फैसले के मायने?
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