Agra की चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की बैठक: डौकी में 1 नए खाद्य प्रसंस्करण केंद्र की होगी स्थापना
Agra, 16 दिसम्बर। भारत, अपनी समृद्ध खाद्य संस्कृति और विविधताओं के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भारतीय मसाले, मिठाइयाँ, चावल, नमकीन और दुरग्ध उत्पाद इतने अनूठे हैं कि यदि इन्हें अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड में परिवर्तित किया जाए तो ‘मेक इन इंडिया’ पहल विश्व बाजार में अन्य देशों को पीछे छोड़ सकती है। इसी विषय पर मंथन एवं चिंतन करने के उद्देश्य से चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने एक महत्वपूर्ण कार्यकारी बैठक का आयोजन किया।
इस बैठक का आयोजन सोमवार को संजय प्लेस स्थित एक होटल में किया गया, जहाँ विभिन्न उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बैठक की शुरुआत जॉइंट कमिश्नर सोनाली जिंदल द्वारा की गई, जिन्होंने एमएसएमई विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए सरकार कई अनुदान योजनाएँ प्रदान कर रही है, जिससे उद्यमियों को प्रभावी ढंग से लाभ प्राप्त होगा।
बातचीत के दौरान प्रभारी राजकीय फल संरक्षण केंद्र बलवीर सिंह ने शहर के निकट डौकी क्षेत्र में एक नए खाद्य प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना की जानकारी दी। इस केंद्र के माध्यम से आलू, पेठा और नमकीन का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनों की उपलब्धता भी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। यह जानकारी सुनकर स्थानीय उद्यमियों में उत्साह का संचार हुआ। सिंह ने बताया कि आठवीं कक्षा पास और 14 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति प्रधानमंत्री सूक्ष्म एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना का लाभ ले सकते हैं और उद्यम स्थापित करने के लिए सरकार 35 प्रतिशत तक का अनुदान देने को तैयार है।
बैठक में, सीए आर के जैन ने बताया कि सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान की प्रक्रिया और इसके लाभों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, सीएस अनुज अशोक और उनकी सहयोगी मुस्कान ने उत्पादों को ब्रांड बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि अमेरिका में मसाले और चावल, यूके में मिठाइयाँ, एवं यूएई, दक्षिण पूर्व एशिया में तुलसी जैसे उत्पादों की मांग कितनी अधिक है। यह जानकारी इस बात का संकेत है कि भारतीय उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपार संभावनाएँ हैं।
बैठक के दौरान नए सदस्यों का स्वागत और सम्मान भी किया गया। वरिष्ठ सदस्य राजेश गोयल को छावनी बोर्ड का सदस्य मनोनीत किए जाने पर सभी ने उनका स्वागत किया। बैठक में उपस्थित संरक्षक राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल एवं अन्य गणमान्य सदस्यों ने भी अपने विचार साझा किए और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास में सहायक कदम उठाने का संकल्प लिया।
इस प्रकार, आगरा में आयोजित यह बैठक न केवल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की संभावनाओं का आकलन करने का एक मंच थी, बल्कि यह उद्यमियों के लिए नई दिशाएँ और अवसर प्रदान करने का एक अभूतपूर्व प्रयास भी था। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत जब भारतीय खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी, तो यह न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा। स्थानीय उत्पादों की वैश्विक मांग को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि भारत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नवाचार, गुणवत्ता और ब्रांडिंग के क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करे।
भविष्य में इस दिशा में उठाए गए कदम उद्योग और देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, यही उम्मीद है।