Noida – बाहर निकलते ही किया एलान, नोएडा में फिर धरने पर बैठेंगे किसान – #INA
Noida News :
किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता सुखबीर खलीफा नोएडा की लुक्सर जेल से रिहा हो गए हैं। जेल से बाहर आते ही किसान नेता ने बड़ा एलान कर दिया। सुखबीर खलीफा 25 नवंबर से शुरू हुए आंदोलन में किसानों का नेतृत्व करते समय गिरफ्तार हुए थे। शुक्रवार को जेल से बाहर आने पर किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
नोएडा में फिर धरने पर बैठेंगे किसान
जेल से बाहर आकर किसान नेता सुखबीर खलीफा ने फिर से धरने पर बैठने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो एक बार फिर आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए किसान रणनीति बना सकते हैं। नोएडा के किसानों और वकीलों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए खलीफा ने उनका समर्थन सराहा।
जानें कहां से शुरू हुआ था आंदोलन
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, बढ़ा हुआ 64.7 प्रतिशत मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग को लेकर 25 नवंबर से महापंचायत शुरू की थी। प्रदर्शन में हजारों किसान शामिल हुए थे। किसानों ने पहले ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर दो दिनों तक डेरा डालकर विरोध किया। इसके बाद, वे यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डालने गए थे।
8 किसान नेताओं समेत 123 किसानों किए थे गिरफ्तार
शासन-प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद 2 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के 10 संगठनों ने अपनी 4 प्रमुख मांगों को लेकर दिल्ली कूच का एलान किया था। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने 7 दिन का समय दिया और आंदोलन को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर शिफ्ट कर दिया। लेकिन इसके बाद पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल आने वाले किसानों को रोक दिया और 8 किसान नेताओं समेत 123 किसानों को गिरफ्तार कर लिया।
किसानों को छुड़ाने के लिए बुलाई थी महापंचायत
4 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने किसानों को छुड़ाने के लिए महापंचायत बुलाई थी। महापंचायत में शामिल होने के लिए राकेश टिकैत जब जा रहे थे, तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें अलीगढ़ के टप्पल पर रोक लिया। किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने राकेश टिकैत को छोड़ दिया। टिकैत वहां से भागते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे तक पहुंचे और पुलिस उनके पीछे दौड़ रही थी। राकेश टिकैत गाड़ी से ग्रेटर नोएडा के लिए रवाना हो गए, लेकिन वह धरनास्थल तक नहीं पहुंच पाए।
किसानों की क्या हैं मांगें
- किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले 10% प्लॉट दिया जाए।
- 64.7% की दर से किसानों को मुआवजा मिले।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, बाजार दर का 4 गुना मुआवजा दिया जाए।
- भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी फायदे दिए जाएं।
बाहर निकलते ही किया एलान, नोएडा में फिर धरने पर बैठेंगे किसान
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