दुनियां – मिडिल ईस्ट में ईरान को एक और झटका! सीरिया को लेकर हमास ने कह दी बड़ी बात – #INA
गाजा, लेबनान, सीरिया और इराक में अपने प्रॉक्सी गुटों के जरिए ईरान हमेशा अपनी ताकत का प्रदर्शन करता रहा है. मिडिल ईस्ट में ईरान की ओर से बनाए गए ‘एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंट’ अब न सिर्फ कमजोर हो रहा है बल्कि इसमें बड़ी टूट नजर आ रही है.
सीरिया में बशर अल-असद की सरकार ईरान समर्थक रही है, असद के नेतृत्व में सीरिया भी ईरान के ‘एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंट’ का प्रमुख हिस्सा रहा है. इजराइल के विरोध में एकजुट एक ऐसा लचीला गठबंधन जिसमें हमास, हिजबुल्लाह समेत इराक के शिया मिलिशिया भी शामिल हैं. लेकिन अब हमास ने सीरिया को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे ईरान को बड़ा झटका लग सकता है.
हमास ने अपने बयान में क्या कहा?
हमास में बशर अल-असद सरकार की बेदखली को लेकर सीरिया की जनता को बधाई दी है. फिलिस्तीनी विद्रोही गुट ने अपने बयान में कहा है कि, ‘हमास सीरियाई लोगों को आजादी और न्याय की आकांक्षाओं को हासिल करने में मिली सफलता के लिए बधाई देता है. हम सीरियाई समाज के सभी घटकों से एकजुट होने की अपील करते हैं.’ यानी जिस विद्रोह ने सीरिया में ईरान के प्रभुत्व को खत्म कर दिया, हमास उसके लिए सीरिया की जनता को बधाई दे रहा है.
फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद का भी बयान
उधर फिलिस्तीन के एक और विद्रोही गुट फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) ने सीरिया में जारी घटनाक्रम को सीरिया का आंतरिक मसला बताया है. PIJ के महासचिव जिहाद-अल नखालह ने कहा है कि, ‘हमें उम्मीद है सीरिया, फिलिस्तीन के लोगों का सच्चा समर्थन करता रहेगा जैसा कि उसने पहले किया है.’
सीरिया से क्य
दरअसल, सीरिया एक सुन्नी बहुल मुल्क है, लेकिन बशर अल-असद शिया समुदाय से ताल्लुक रखते थे. यही वजह है कि उनके नेतृत्व में सीरिया का झुकाव हमेशा ईरान की ओर बना रहा. उधर सीरिया में असद शासन के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोही गुट सुन्नी समुदाय से आते हैं और फिलिस्तीन में भी ज्यादातर आबादी सुन्नी है. इसके अलावा फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए बनी संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA के मुताबिक साल 2022 में सीरिया में रजिस्टर्ड फिलिस्तीनी शरणार्थियों की संख्या 4 लाख 38 हजार है. शायद यही वजह है कि फिलिस्तीनी विद्रोही संगठनों ने सीरिया में विद्रोही गुटों के खिलाफ कोई बयान तक नहीं दिया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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