दुनियां – क्या सीरिया में विद्रोही हमलों के तुर्किए और इजराइल हैं मास्टरमाइंड? – #INA
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सीरिया में बशर अल-असद सरकार और विद्रोही गुटों के बीच जारी संघर्ष को लेकर नई-नई थ्योरी सामने आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि सीरिया में लंबे समय से शांत गृह युद्ध की आग दोबारा भड़काने के पीछे इजराइल और तुर्किए का हाथ है.
सीरिया में जारी संघर्ष के पीछे तुर्किए और इजराइल को ही मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. सीरिया में बशर सरकार के खिलाफ संघर्ष करने वाले कुछ विद्रोही गुटों को तुर्किए की ओर से ट्रेनिंग और हथियार मिलने का दावा किया गया है. तो वहीं इराक की संसद समूह कताब सैयद अल शुहादा के प्रवक्ता कजेम अल-फरतोसी ने अचानक हुए विद्रोहियों के हमले को लेकर सारा दोष इजराइल और अमेरिका पर मढ़ दिया है.
क्या सीरिया में विद्रोह के पीछे वाकई तुर्किए और इजराइल का हाथ है? अगर ऐसा है तो इससे इजराइल या तुर्किए को क्या फायदा होगा?
सुन्नी विद्रोही गुटों को तुर्किए कर रहा मदद
सीरिया में जारी गतिरोध सिर्फ बशर अल-असद सरकार के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा नहीं है बल्कि इस जंग का एक अहम पहलू शिया-सुन्नी विवाद भी है. सीरिया में तुर्किए समर्थित सीरियन नेशनल आर्मी भी बशर सरकार के खिलाफ जंग के मैदान में एक्टिव है और अफरिन, कल अब्याद और रास अल-ईन जैसे हिस्सों पर इस विद्रोही गुट का कब्जा है.
राष्ट्रपति बशर अल-असद शिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और यही वजह है कि ईरान सीरिया में बशर सरकार का पुरजोर समर्थन करता रहा है. वहीं तुर्किए पर आरोप है कि वह अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए सुन्नी गुटों को मदद पहुंचा रहा है. सीरिया के राष्ट्रपति ने कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू के दौरान तुर्किए पर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) समेत अलग-अलग नामों से सीरिया में मौजूद आतंकी गुटों को फंडिंग करने का आरोप लगाया था.
शिन बेत चीफ के तुर्किए दौरे से उठे सवाल
तुर्किए के अलावा इस संघर्ष में इजराइल पर भी आरोप लग रहे हैं. 19 नवंबर को इजराइल की खुफिया एजेंसी शिन बेत के चीफ रोनन बार ने तुर्किए का दौरा किया और तुर्किए की खुफिया एजेंसी के प्रमुख इब्राहिम कलिन से मुलाकात की. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शिन बेत चीफ ने अपनी अंकारा यात्रा के दौरान एर्दोआन से भी मुलाकात की थी. हालांकि तुर्किए की मीडिया के अनुसार रोनन बार का दौरा हमास के साथ बंधकों की रिहाई की डील से जुड़ा हुआ था, लेकिन इस मुलाकात के ठीक एक हफ्ते बाद सीरिया के अलेप्पो में अचानक विद्रोहियों का सक्रिय होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
ईरान-रूस की कमज़ोरी का उठाया फायदा?
लेबनान जंग की वजह से हिजबुल्लाह कमजोर हो चुका है, इजराइली सेना के हमले बेरूत तक ही सीमित नहीं थे बल्कि ईरान समर्थित गुटों और हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इजराइल ने सीरिया पर भी हवाई हमले किए थे. ऐसा माना जा रहा है कि इस जंग से ईरान के प्रॉक्सी गुट कमज़ोर पड़ गए, वहीं क्षेत्र में बशर सरकार का प्रमुख सहयोगी रूस भी यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है. आरोप है कि इन परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए इजराइल ने तुर्किए के साथ मिलकर बशर सरकार के तख्तापलट करने की योजना बनाई है.
सीरिया में तख्तापलट के क्या होगा हासिल?
इराक की संसद समूह कताब सैयद अल शुहादा के प्रवक्ता कजेम अल-फरतोसी ने तो इसे लेबनान में हिजबुल्लाह को कमजोर करने के प्रयास का दूसरा चरण बता दिया है. दरअसल, ईरान सीरिया के रास्ते से ही हिजबुल्लाह को हथियार पहुंचाता है. अगर इस क्षेत्र में बशर सरकार का तख्तापलट होता है तो न केवल एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस फ्रंट कमज़ोर होगा बल्कि लेबनान, ईरान, इराक और सीरिया के बीच प्रमुख सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी. फरतोसी ने कहा है कि सीरिया में जो कुछ हो रहा है उसमें अमेरिका और इजराइल का हाथ है.
उधर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी सीरिया में विद्रोही गुटों के हमलों को लेकर इजराइल की ओर इशारा किया है. खामेनेई ने X पर पोस्ट कर लिखा है कि, ‘तकफीरी ग्रुप, दुनिया भर में इस्लाम के दुश्मनों के लिए अच्छी खबर हैं, ठीक उसी सम जब सभी इस्लामिक उम्माह का ध्यान फिलिस्तीन पर केंद्रित है, ऐसे समय में तकफीरी समूह यहूदी शासन के अत्याचारों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.’
Takfiri groups are good news for enemies of the world of Islam. Exactly at a time when all Islamic Ummahs attention is focused on the issue of Palestine, Takfiri groups, instead of concentrating on Zionist regimes malevolent nature, draw the attention to other places.#Syria
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) December 1, 2024
गाजा जंग को लेकर तुर्किए लगातार इजराइल को धमकी देता रहा है, बावजूद इसके तुर्किए पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि वह महज़ दिखावे के लिए धमकियां देता है और बैकडोर से इजराइल के साथ व्यापारिक रिश्ते निभा रहा है. यही वजह है कि सीरिया में जारी संघर्ष को लेकर तुर्किए और इजराइल पर साठगांठ के आरोप लग रहे हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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