सेहत – दिल को 100 साल तक आश्रम बस्ती यह प्रोटीन ! कम जरूरी हार्ट डिजीज का खतरा, इन खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा
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पादप प्रोटीन के स्वास्थ्य लाभ: हमारे शरीर के लिए प्रोटीन अत्यंत आवश्यक है। प्रोटीन मसल्स हमारी को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। आम तौर पर लोग प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए दूध, दही, पनीर, अंडा और मीट समेत कई चीजों का भरपूर सेवन करते हैं। हालाँकि एक नए अध्ययन में पता चला है कि एनिमल प्रोटीन की तुलना में प्लांट प्रोटीन का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है। प्लांट प्रोटीन का सेवन करने से दिल की सेहत का खतरा भी कम हो सकता है। अगर आप दिल को लंबी उम्र तक बनाए रखना चाहते हैं, तो प्लांट प्रोटीन का मिश्रण जरूर शामिल करें।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ रिसर्चर्स को नई अध्ययन में पता चला है रेड मीट और इलेक्ट्रिक मीट के बजाय यदि लोग अपनी सामग्री में अधिक मात्रा में प्लांट आधारित प्रोटीन शामिल करते हैं, तो इससे दिल की बीमारी में खतरनाक कमी हो सकती है। यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल व्रिट्रिशियन ने प्रकाशित किया है और इसमें बताया गया है कि प्लांट बेस्ट प्रोटीन न केवल हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन का चलन पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है।
इस अध्ययन का उद्देश्य यह था कि एनिमल प्रोटीन और प्लांट बेस्ड प्रोटीन दिल की सेहत को कैसे प्रभावित करते हैं। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक और खाद्य अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर और इस अध्ययन के लेखक एंड्रिया ग्लेन ने बताया कि अमेरिकियों में प्लांट प्रोटीन और पशु प्रोटीन का अनुपात लगभग 1:3 होता है। अगर इस अनुपात को अनुपातिक कम से कम 1:2 किया जाए, तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) का जोखिम कम करने के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन का अनुपात 1:1.3 या उससे कम होना चाहिए।
आसान भाषा में कहा गया है कि अगर लोग अपने यहां मौजूद प्लांट प्रोटीन का सेवन करते हैं और एनिमल प्रोटीन का सेवन कम करते हैं, तो इसके दिल की गोली से बचाव में खुराक का असर पड़ सकता है। इस अध्ययन में लगभग 2,03,000 स्टेरॉयड के मिश्रण, लाइफस्टाइल और हृदय स्वास्थ्य से जुड़े 30 वर्षों के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें 16,118 सीवीडी के मामले और 6,000 से अधिक स्ट्रोक के मामले शामिल थे। इस अध्ययन से सामने आया कि जो लोग प्रोटीन का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें सीवीडी और सीएचडी का खतरा कम हो जाता है।
अध्ययन के अनुसार, उनमें मौजूद एनिमल प्रोटीन की मात्रा कम है और प्रोटीन का सेवन मात्रा कम है, उनमें सीवीडी (सीवीडी) का खतरा 19% और सीएचडी (सीएचडी) का खतरा 27% कम हुआ। अगर कोई व्यक्ति अपने घटकों से मिलने वाली कुल ऊर्जा का 21% हिस्सा प्रोटीन से प्राप्त करता है और इसमें प्लांट प्रोटीन शामिल होता है, तो इससे उनके दिल का स्वास्थ्य बेहतर होता है, जिससे सीवीडी का जोखिम 28% और सीवीडी का जोखिम 36% कम हो जाता है। होता है. वसीयत की सलाह है कि नट्स और फलों की जगह एलोहाइड्रेट की सब्जी का सेवन करने से ब्लड लिपिड, ब्लड कंसल्टेंसी और सूजन संबंधी बायोमार्कर में सुधार हो सकता है।
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पहले प्रकाशित : 3 दिसंबर, 2024, 10:21 IST
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