दिन निकलते ही आई बुरी खबर! देश में तेजी से फैल रहा जानलेवा वायरस, फिर से लॉकडाउन की तैयारी! #INA

Disease X: कांगो में एक नई बीमारी का कहर… नाम है डिजीज एक्स. यह बीमारी 400 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है और 143 की मौत हो चुकी है. WHO तक हैरान है कि यह बीमारी फैलती कैसे है और इसका कारण क्या है. तो चलिए आपको बताते हैं डिजीज एक्स की पूरी कहानी. आपने अक्सर सुना होगा कि नई बीमारियां सामने आ रही हैं, लेकिन जब एक बीमारी इतनी रहस्यमय हो कि डॉक्टर और साइंटिस्ट भी इसका कारण ना समझ पाएं तो डर और भी बढ़ जाता है. यही हो रहा है अफ्रीका के देश कांगो में. यहां एक बीमारी फैली है, जिसे डिजीज एक्स कहा जा रहा है.

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अक्टूबर 2024 से अब तक 406 लोग इस बीमारी की चपेट में

कांगो में अक्टूबर 2024 से अब तक 406 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और इनमें से 143 की मौत हो गई है. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि मरने वालों में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं. इस बीमारी का केंद्र कोंगो के क्वांगो प्रांत में है, जो एक बेहद दूर दराज और पिछड़ा इलाका है. यहां तक पहुंचने में ही WHO की टीम को दो दिन लग जाते हैं. क्योंकि सड़कें खराब हैं और बारिश ने हालात और मुश्किल बना दिए हैं. अब बात करते हैं डिजीज एक्स के लक्षणों की. अगर इस बीमारी के मरीजों को देखें तो यह फ्लू जैसी लगती है और इसके मुख्य लक्षण हैं तेज बुखार, सिर दर्द, खांसी, बहती नाक, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, और खून की कमी यानी एनीमिया है. अब आप समझ सकते हैं कि यह लक्षण आम बीमारियों से कितने मिलते-जुलते हैं. यही वजह है कि डॉक्टरों के लिए इसका सही कारण पहचानना मुश्किल हो गया है.

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क्या हैं बीमारी के लक्षण

अब तक की जांच में पता चला है कि यह बीमारी फ्लू जैसी है, लेकिन इसके लक्षण दूसरी बीमारियों जैसे निमोनिया, मलेरिया, खसरा और यहां तक कि कोविड-19 से मिलते जुलते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम फिलहाल सैंपल इकट्ठा कर रही है. ताकि लैब में इनका टेस्ट किया जा सके. लेकिन जांच के नतीजे आने में अभी वक्त लगेगा. अब सवाल उठता है कि यह बीमारी इतनी जानलेवा क्यों है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ज्यादातर मरीज पहले से ही कुपोषण के शिकार थे. उनके शरीर में इतनी ताकत नहीं थी कि वह इस बीमारी का मुकाबला कर सकें. यही वजह है कि इस बीमारी की असली वजह पता लगाने में भी मुश्किल हो रही है. अफ्रीका की सीडीसी यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने चेतावनी दी है कि यह बीमारी शायद हवा से फैल रही है. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है.

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डब्ल्यूएचओ ने अभी तक 31 मौतों की पुष्टि की

 डब्ल्यूएचओ का कहना है कि फिलहाल तो यह बीमारी ग्लोबल खतरा नहीं है. लेकिन क्योंकि क्वांगो प्रांत का बॉर्डर अंगोला से जुड़ता है. इसलिए इस बीमारी के दूसरे देशों में फैलने का डर है. डब्ल्यूएचओ ने अभी तक 31 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन कांगो की लोकल रिपोर्ट्स कहती हैं कि मरने वालों की संख्या 143 हो सकती है और यह भी संभव है कि एक से ज्यादा बीमारियां मौतों का कारण हो यह बीमारी सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी नहीं है, यह एक चेतावनी भी है कि हम अपने हेल्थ सिस्टम को मजबूत करें कुपोषण खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और अविकसित इलाकों में समय पर इलाज ना मिल पाना ऐसी बीमारियों को और घातक बना देता है.


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