भागवत बोले- सेना और अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बनाना होगा:ताकि कई ताकतें मिलकर भी न जीत सकें; सुरक्षा के लिए दूसरों के भरोसे नहीं रह सकते- INA NEWS

RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के पास शक्तिशाली होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि वह अपनी सभी सीमाओं पर बुरी ताकतों की दुष्टता को देख रहा है। भागवत ने हिंदू समाज से एक होने और भारतीय सेना को ताकतवर बनाने की अपील की ताकि कई शक्तियां एक साथ आने पर भी उसे जीत न सकें। भागवत ने कहा- कृषि, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्रांतियां खत्म हो चुकी हैं। अब दुनिया को एक धार्मिक क्रांति की जरूरत है और भारत को ही इसका रास्ता दिखाना होगा। RSS वीकली मैगजीन ऑर्गनाइजर को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें भागवत ने भारत की सेना, अर्थव्यवस्था, हिंदू समाज, धर्म पर अपनी बात रखी। यह इंटरव्यू लगभग दो महीने पहले बेंगलुरु में RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद लिया गया था। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ताकत को सद्गुणों और नैतिकता से भरा होना चाहिए। क्योंकि क्रूर शक्ति दिशाहीन हो सकती है और खुलेआम हिंसा कर सकती है। भागवत के इंटरव्यू की बड़ी बातें… पाकिस्तान पर कहा था- भारत पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाता नई दिल्ली में किताब विमोचन के दौरान भागवत ने कहा था कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी कर लो, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो उनका क्या करें। राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। भागवत ने कहा- अहिंसा हमारा धर्म है। गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते, लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आए तो दूसरा विकल्प क्या है? दुनिया को हमें बहुत सिखाना है और हमारे पास बहुत है। पढ़ें पूरी खबर… पहलगाम हमले पर कहा था- हिंदू कभी धर्म पूछकर नहीं मारेगा पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भागवत ने मुंबई के एक इवेंट में कहा था कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की। हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा। यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है। हमारा देश कितना शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है। भागवत ने कहा था- हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं। लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत दिखानी होगी। रावण, भगवान शिव के भक्त थे लेकिन वे बुराईयों से दूर नहीं रह सके। भगवान राम ने रावण को सुधरने का मौका भी दिया लेकिन बाद में सबक सिखाना ही पड़ा। पढ़ें पूरी खबर…
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