यूपी- मामला निपटाने पहुंचे थे बीजेपी के नेता, थाने में वकील ने जूतों से कूटा… आखिर क्या है सच? – INA

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक वायरल ऑडियो चर्चा का विषय बना हुआ है. वायरल ऑडियो में एक वकील कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने थाने के अंदर बीजेपी नेता को जूते मारे हैं. ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. हालांकि वायरल ऑडियो की पुष्टि फिलहाल नहीं की जा सकी है. पूरे मामले में बीजेपी नेता ने वायरल ऑडियो को पूरी तरह से खारिज करते हुए पूरा मामला झूठा बताया है.

पूरा मामला बिधूना कोतवाली का है, जहां पर बीजेपी नेता अनिल शुक्ला किसी मामले को लेकर थाने में पहुंचे थे. उसके बाद वकील अमरीश तिवारी किसी दुकान के मामले को लेकर थाने पहुंचे गए. जहां पर वकील और बीजेपी नेता में कहासुनी हो गई.

वायरल हो रहे ऑडियो की जानकारी के लिए जब वकील अमरीश तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह थाने में पाल साहब का मैटर लेकर गए थे. उनकी एक दुकान है और उनके पिताजी चल बसे हैं जिसके बाद दुकान उनके बच्चों के नाम होनी चाहिए. वकील अमरीश तिवारी ने आगे कहा कि बीजेपी नेता अनिल शुक्ला चाहते हैं कि दुकान मनोज गुप्ता की हो जाए. इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई थी. उन्होंने कहा कि थाने के अंदर ही अनिल शुक्ला ने उनसे कहा है कि ‘तुम्हे जूते मारेंगे’, इसके जवाब में कहा कि ‘जब साधारण बात हो रही है तो जूते वाली बात क्यों? तब हमने उनको ठोक दिया.’

वहां 100 लोग मौजूद थे: वकील

जब वकील से पूछा गया कि बीजेपी नेता तो मना कर रहे हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं हुई है? इस पर जवाब देते हुए अमरीश तिवारी ने कहा कि आप कोतवाल साहब से पूछिए वहां पर 100 लोग मौजूद थे. पहले अनिल शुक्ला ने ही अपशब्द कहे थे. कोतवाल साहब ने कहा भी था कि अनिल जी आपको ऐसा नहीं बोलना चाहिए. वकील अमरीश ने कहा कि हम भी बीजेपी के सीनियर नेता व पूर्व जिला प्रभारी सहकारिता रह चुके हैं, हम सीनियर थे उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हम तुम्हे जूते मारेंगे, जब उन्होंने यह कहा तो हमने सोचा हम तुम्हें दे ही दें.

बीजेपी नेता ने किया इनकार

बीजेपी नेता अनिल शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका मोबाइल है और उनका मुंह है. जो इच्छा हो वो बोलते रहें और वायरल करें. जब घटना नहीं है तो इन सब की जरूरत क्या थी. तुम थाने में घटना दर्शा रहे हो तो थाने का भी तो विषय आता है. इतना करने के बाद वह सुरक्षित बने रहते हैं? गलत-गलत होता है और सही-सही होता है. हम अपनी जगह बिल्कुल ठीक हैं. हम उस समय कोतवाली में ही थे लेकिन किसी दूसरे विषय पर थे. इनसे क्या लेना-देना. न ही इनसे कोई विषय नहीं था और ना ही कोई हाथापाई हुई है. हालांकि इस पूरे मामले में बिधूना कोतवाली प्रभारी रवि श्रीवास्तव ने कहा ये सब फर्जी है, आपस में बहस हुई थी इन लोगों की.


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