आगरा में बोगनविलिया प्रदर्शनी का हुआ आयोजन: प्राकृतिक सौंदर्य और नवाचार की मिसाल
आगरा, 16 दिसंबर। भारतीय बोगनविलिया सोसायटी के तत्वावधान में, बागवानी क्लब के सहयोग से एक भव्य बोगनविलिया प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्धाटन पर्यावरण एक्टिविस्ट बूज खंडेलवाल, डॉ. शरद गुप्ता और प्रो. वेद प्रकाश त्रिपाठी ने किया। ताज महल के निकट बोगनविलिया पौधों की इस प्रदर्शनी ने आगरा के बागवानी प्रेमियों को एक नए आयाम पर ला खड़ा किया है।
प्रदर्शनी का आयोजन करने वाले डॉ. मुकुल पंड्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह पिछले लगभग 50 वर्षों से बोगनविलिया की विभिन्न किस्मों को एकत्रित करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने लगभग 300 किस्मों में से सफलतापूर्वक 100 किस्मों को उगाने में सफलता हासिल की है। उनके द्वारा विकसित किए गए रंगीन उपभेद इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बने रहे हैं। उनका कार्य इस बात का प्रमाण है कि किस प्रकार उपकरण और नवाचार के माध्यम से बागवानी में नई संभावनाएँ पैदा की जा सकती हैं। उन्होंने यह बताते हुए हंसते हुए कहा, “विभिन्न किस्मों को इकट्ठा करने के बाद, मैंने उन्हें अपनी छत पर लगाया, लेकिन गमलों के वजन के कारण मेरी छत ढह गई।”
बोगनविलिया के बढ़ते चलन पर चर्चा करते हुए डॉ. पंड्या ने कहा कि आगरा में इस पौधे की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। स्थानीय लोग अपने घरों के सीमाओं और खुले स्थानों पर बड़े पैमाने पर बोगनविलिया पौधे लगाने में बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। परिणामस्वरूप, शहर के कई पार्कों में सैकड़ों बोगनविलिया के पौधे लगाए गए हैं, जो आगरा की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ाते हैं।
उद्धाटन समारोह में उपस्थित थे प्रसिद्ध वैज्ञानिक एमेरिटस डॉ. एसएस सिंधु, जो कि भारतीय कृषि शोध संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के सचिव और बोगनविलिया सोसायटी ऑफ इंडिया हैं। इसके अलावा, डॉ. आर. के. रॉय, प्रधान वैज्ञानिक एनबीआरआई, लखनऊ भी इस अवसर पर मौजूद थे। समारोह में बोगनविलिया प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें कंचन आहूजा ने प्रथम, लवली कथूरिया ने द्वितीय और डेजी गुजराल ने तृतीय पुरस्कार जीते।
कार्यक्रम में डॉ. रंजना बंसल, आशु मित्तल, डॉली मदान, अपूर्वा और दीपिका त्यागी जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। इन सभी ने इस अद्भुत प्रदर्शनी की शोभा बढ़ाई और बागवानी के प्रति अपनी रुचि और योगदान को उजागर किया।
यह प्रदर्शनी न केवल आगरा के बागवानी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव रही, बल्कि यह पौधों की सुंदरता और बागवानी के प्रति प्रेम को भी प्रदर्शित करती है। बोगनविलिया के रंग-बिरंगे फूल और इसकी सुंदरता, समाज में प्रकृति के महत्व को और अधिक उजागर करते हैं। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीनता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी बागवानी के प्रति प्रोत्साहित करती हैं।
आगरा में इस प्रदर्शनी का आयोजन, निश्चय ही बागवानी के क्षेत्र में एक प्रशंसनीय पहल है, जो न केवल बागवानी के जुनून को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण-संवद्र्धन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे ही कार्यक्रमों के माध्यम से, हम अपने आसपास की प्रकृति की क्षमता को पहचान कर, उसे संरक्षित कर सकते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे अनुभव कर सकें।