देश- केंद्र का झारखंड को 1.36 लाख करोड़ देने से इनकार, CM हेमंत सोरेन बोले- हमारी मांग जायज- #NA

सीएम हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)

कोयला कंपनियों पर झारखंड के 1.36 लाख करोड रुपए के बकाया राशि के दावे को केंद्र सरकार की तरफ से ठुकराए जाने से फिर एक बार राजनीति गरमा गई है. केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के 1.36 लाख करोड रुपए बकाया वाले दावे को सिरे से नाकार दिया है.

दरअसल बिहार के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में झारखंड के रॉयल्टी (कोयला से राजस्व के रूप में अर्जित कर) का केंद्र सरकार पर बकाया को लेकर सवाल उठाया था. इस पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में दिए अपने लिखित जवाब में कहा कि यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का कोई हिस्सा केंद्र सरकार पर पास लंबित नहीं है.

कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी राज्य सरकार

बता दें कि केंद्र सरकार और कोयला कंपनियों पर झारखंड के कोयला रॉयल्टी के रूप में राज्य को मिलने वाली 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया की मांग हेमंत सोरेन सरकार लगातार कर रही है. बता दें कि राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही कैबिनेट में घोषणा किया था कि राज्य सरकार केंद्र से अपना बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी.

केंद्र सरकार पर कोई बकाया लंबित नहीं

वहीं अब लोकसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में कोयले से मिले 1.40 लाख करोड़ रुपए के राजस्व के रूप में अर्जित कर में झारखंड सरकार का कोई हिस्सेदारी केंद्र सरकार पर के पास लंबित नहीं है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक पर पोस्ट करते हुए झारखंड बीजेपी के सांसदों से अपील की और कहा कि उम्मीद है, वह हमारे इस जायज मांग को दिलवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे. झारखंड के विकास के लिए यह राशि मिलना बहुत आवश्यक है.

कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को लिखा पत्र

बता दें कि मार्च 2022 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के नाम पत्र लिखकर यह दावा किया था कि झारखंड का कोयला कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ बकाया है. मुख्यमंत्री हेमंत के मुताबिक वॉश्ड कोल रॉयलटी मद में 2,900 करोड़, एमडीडीआर एक्ट के सेक्शन 21(5) के तहत 32,000 करोड़ और जमीन मुआवजा मद में 1,01,142 करोड़ यानी कुल 1,36,042 करोड़ रुपए का बकाया है.

चार पन्नों के पत्र में मिनरल कंसेसन रूल 1960, एमडीडीआर एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया गया था. अपने पत्र में सीएम सोरेन ने आग्रह किया था कि राज्य के आर्थिक हालात को देखते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री पहल करें और सभी कोयला कंपनियों को बकाया राशि लौटाने का निर्देश जारी करें.

कोयला बकाया वसूलने की कवायद

इसके बाद से ही यह मामला राज्य में उठता रहा, चाहे वह लोकसभा चुनाव 2024 की बात हो या विधानसभा चुनाव 2024, इस मुद्दे को जोर-शोर से इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उठाया. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद सरकार गठन के साथ ही पहले कैबिनेट में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य सरकार केंद्र से अपना बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए का कोयला बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा.

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