सीजी- कोंडागांव: फर्जी डॉक्टर लोगों की सेहत से कर रहा खिलवाड़, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही हुई उजागर – INA
कोंडागांव: फर्जी डॉक्टर लोगों की सेहत से कर रहा खिलवाड़, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही हुई उजागर
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जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां आड़काछेपड़ा पारा में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र की आड़ में फर्जी डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज और दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।
जिला बनने के 12 साल बाद भी आड़काछेपड़ा पारा का उप स्वास्थ्य केंद्र बिना भवन के चल रहा है। यह उप स्वास्थ्य केंद्र एक एएनएम के घर में संचालित है। यहां न तो कोई सूचना पटल है और न ही नागरिकों को यह जानकारी है कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र है।
जिम्मेदार कर्मचारी नदारद
जांच के दौरान पाया गया कि उप स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार कर्मचारी गायब थे। यहां निखिल सिकदार नामक व्यक्ति मरीजों को इलाज और दवाइयां दे रहा था। उसने बताया कि वह एक अन्य पैथी के आधार पर प्रैक्टिस कर रहा है, जो भोपाल में रजिस्टर्ड है, लेकिन छत्तीसगढ़ में उसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही
एमपीडब्ल्यू कृष्णा ध्रुव ने स्वीकार किया कि निखिल सिकदार उसी कमरे का उपयोग कर रहा है, जहां उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित होता है। अन्य कर्मचारियों में से एक एएनएम छुट्टी पर थी, जबकि आरएचओ हेमा रानी सिकदार दो दिनों से रायपुर में थीं।
फर्जी प्रैक्टिस का पर्दाफाश
खुटडोबरा और पलारी से आए मरीजों ने बताया कि निखिल सिकदार मरीजों से इलाज के लिए 40 से 300 रुपये तक की फीस वसूल रहा है। जांच में यह भी पता चला कि निखिल सिकदार, आरएचओ हेमा रानी सिकदार का पति है। यह पूरा उप स्वास्थ्य केंद्र उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए इस्तेमाल हो रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
यह मामला जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने चल रहा है। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर हरेंद्र बघेल ने मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा कि वह जांच के बाद ही कार्रवाई करेंगे। जिला मुख्यालय के इस उप स्वास्थ्य केंद्र की हालत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंदरूनी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं किस कदर भगवान भरोसे चल रही होंगी।