CG News: एक लाश को है सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार, 14 दिन पहले हुई थी मौत; अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार- #INA

जगदलपुर में शव दफनाने के लिए शुरू हुआ विवाद
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से धर्मांतरण का विवाद गहराने लगा है. कुछ साल पहले यहां हिन्दू धर्म छोड़ कर ईसाई बने लोगों की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर बड़ा बवाल शुरू हो गया है. बस्तर जिले के छिंदावाड़ा में इसी तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमेबाजी पहुंच गई है और अब शव को दफन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है. दरअसल, गांव के लोग किसी हाल में गांव के अंदर शव दफन नहीं होने दे रहे हैं. जबकि मृतक के परिजन शव के कफन दफन का काम गांव में ही करने पर अड़े हैं.
ऐसे हालात में गांव में तनाव की स्थिति बन गई है. हालात को देखते हुए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.हालात को देखते हुए मृतक के बेटे ने सिविल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन जब यहां से राहत नहीं मिली तो अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी स्वीकार भी कर ली है. हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं हो सका है. जानकारी के मुताबिक यह मामला दरभा ब्लॉक के छिंदावाड़ा गांव का है. इस गांव में रहने वाले सुभाष बघेल की मौत 7 जनवरी को हो गई थी.
धर्मांतरण की वजह से दफन का हो रहा विरोध
सुभाष बघेल डायबिटीज के मरीज थे. लंबे समय तक चले इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसके बाद बघेल के परिजनों ने शव का कफन दफन गांव में ही करने की कोशिश की, लेकिन गांव के लोगों ने धर्मांतरण करने वाले बघेल का कफन दफन होने से रोक दिया. गांव वालों का कहना है कि यदि किसी एक व्यक्ति को छूट दे दी गई तो यहां परंपरा शुरू हो जाएगी. लोगों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. इस विवाद में स्थानीय अधिकारियों ने बीच का रास्ता निकालने का प्रयास भी किया.
मदद के बहाने कराते हैं धर्मांतरण
हालांकि लोगों के विरोध के चलते अधिकारियों को अपने पैर पीछे खींचने पड़े. आखिर में मृतक के बेटे रमेश बघेल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यहां से तहत नहीं मिली तो अब वह सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लेकर पहुंचे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में जब भी कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो ईसाई समाज के लोग उसे अपने अस्पताल में भर्ती कराते हैं और आर्थिक मदद करते हैं. इस प्रकार से लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है. इसको लेकर तमाम हिन्दू संगठनों में आक्रोश है.
रिपोर्ट: सुमित सेंगर, जगदलपुर
एक लाश को है सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार, 14 दिन पहले हुई थी मौत; अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,