मुख्यमंत्री जी। न हुआ विद्यालय डिबार, न हुई डीआईओएस पर कोई कार्रवाई

🔵डीआईओएस श्रवण कुमार गुप्त को कौन बचा रहा है?
🔴बोर्ड परीक्षा मे डीआईओएस का लापरवाही, मनमानी और गैरजिम्मेदाराना कार्य प्रणाली के साथ गाइडलाइन की जमकर धज्जियाँ उडाने का मामला
कुशीनगर। मुख्यमंत्री जी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षा मे रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने के मामले में अब तक न तो स्कूल डिबार हुआ और न ही इस मामले को पचाने की कोशिश करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी है। नतीजतन साहब के हौसले इस कदर बुलंद कि बिना परीक्षण कराये दस फीसदी कमीशन पर पुराने एरियर का भुगतान शुरू कर दिया है, जो विभागीय गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालाकि बोर्ड परीक्षा को सुव्यवस्थित तरीके से सकुशल संपन्न कराने मे पुरी तरह से फ्लोर, लापरवाह और गैरजिम्मेदार साबित हुए डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है ऐसा विभाग से जुडे लोगो का दावा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज पर जुर्माना व डिबार की कार्रवाई के साथ साथ डीआईओएस को कब निलंबित किया जाता है?
काबिलेजिक्र है कि बीते दिनों जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त के लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना की भेट चढी बोर्ड परीक्षा को लेकर कुशीनगर जनपद का शासन-सत्ता के गलियारों में खूब छिछालेदर हुआ। इस छिछालेदर का वजह भी खुद यहां के डीआईओएस है जिन्होंने 2 मार्च को फाजिलनगर विकास खण्ड क्षेत्र के नकटहा मिश्र स्थित अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज मे रिजर्व में रखे गये पेपर से परीक्षा कराने के मामले में विद्यालय व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय संगीन मामले को पचाने व घटना को झुठलाने मे लगे रहे। लेकिन लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों ने डीआईओएस के झूठ की कलई खोल घटना से पर्दा उठा दिया। नतीजतन डीआईओएस व अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज की करतूत को लेकर बोर्ड परिषद से लगायत शासन की गलियारों मे खूब थू-थू हुआ।
🔴 मामला-दो
कहना न होगा कि अशोक विद्यापीठ इंटर कालेज द्वारा रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने का मामला अभी शान्त भी नही हुआ था कि सोहसा मठिया में उत्तरपुस्तिका गायब होने के मामले मे डीआईओएस ने अपनी लापरवाही व कंट्रोल रूम की कमियों को छिपाने के लिए देर रात तक केन्द्र व्यवस्थापक व संकलन केन्द्र प्रभारी को कार्यालय मे बैठाकर उत्तर पुस्तिका ढुढवाते रहे और देर रात संकलन केन्द्र प्रभारी को अपना शिकार बनाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया जबकि केन्द्र व्यवस्थापक व संकलन केन्द्र प्रभारी ने उत्तर पुस्तिका गायब होने की सूचना डीआईओएस को अपरान्ह ढाई बजे ही दे दिया था। नतीजतन डीआईओएस के इस कार्यप्रणाली को लेकर भी खूब चर्चा हुआ।
🔴मामला – तीन
रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने व उत्तरपुस्तिका गायब होने के मामले मे डीआईओएस के कारगुजारी को लेकर जिले में बमचिक मचा ही हुआ था कि 24 फरवरी को जिले के खड्डा स्थित किलानी देवी इंटरमीडिएट कालेज मे संपन्न हुई इंटरमीडिएट के हिन्दी (कोड संख्या 301) व सामान्य हिन्दी (कोड संख्या 302) विषय की परीक्षा का उत्तरपुस्तिका केन्द्रव्यवस्थापक के लापरवाही के कारण एक ही बण्डल में बाधकर पडरौना स्थित उदित नारायण इंटरमीडिएट कालेज में बने संकलन केन्द्र पर जमा कराने का मामला जब डीआईओएस के संज्ञान में आया तो उन्होने जिलाधिकारी व सचिव बोर्ड गोरखपुर को इसकी जानकारी दिये बगैर, बिना किसी उच्चाधिकारियों के अनुमति से संकलन केन्द्र पहुंचकर एक ही बण्डल मे बाधकर रखे गये हिन्दी 301 व सामान्य हिन्दी 302 का उत्तरपुस्तिका अलग अलग बण्डलो में कराकर जमा कराया,जो नियम विरुद्ध है। डीआईओएस का यह कारगुजारी भी संकलन केन्द्र पर लगे सीसीटीवी कैमरा मे कैद है जैसा कि सूत्रो का दावा है। ऐसे मे सवाल यह उठता है बोर्ड परीक्षा की सुचिता और पारदर्शिता को पूरी तरह तार तार व बोर्ड परीक्षा की गाइड लाइन की धज्जियाँ उडाकर सरकार की छवि को धूमिल करने वाले डीआईओएस पर योगी सरकार कब करेगी कार्रवाई?
🔴 परीक्षा इंचार्ज भी रहे गैरजिम्मेदार
कहना ना होगा कि बोर्ड परीक्षा में परीक्षा इंचार्ज की भूमिका परीक्षा के सुचारू संचालन और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होती है। जानकार बताते है कि परीक्षा इंचार्ज परीक्षा केंद्र के व्यवस्था पर पैनी नजर जमाये रखते हैं, नकल रोकने के लिए निगरानी करते हैं, और छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हैं। इसके अलावा केन्द्र पर परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखना और किसी भी अनुचित गतिविधि को रोकना,छात्रों की परीक्षा से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान करना,परीक्षा सामग्री (जैसे प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिका, आदि) का वितरण और संग्रहण करना है। इतना ही नही परीक्षा केंद्र के अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना और उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान करना, परीक्षा के दौरान होने वाली किसी भी महत्वपूर्ण घटना की रिपोर्टिंग करना भी परीक्षा इंचार्ज की जिम्मेदारी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बोर्ड परीक्षा के दौरान यहां के परीक्षा इंचार्ज ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया है?
🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य