सीएमओ साहब! जच्चा-बच्चा को मौत की नींद सुलाने वाले मन्नत हास्पिटल क्यो नही दर्ज हो रहा है मुकदमा

सीएमओ साहब! जच्चा-बच्चा को मौत की नींद सुलाने वाले मन्नत हास्पिटल क्यो नही दर्ज हो रहा है मुकदमा

🔵अभी तक न मन्नत हास्पिटल हुआ सील न दर्ज हुआ मुकदमा 

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🔴खिरकिया-बासी मार्ग पर बेसमेंट में अवैध तरीके से संचालित मन्नत हास्पिटल का मामला

कुशीनगर । इसे विभाग-ए- हुक्मरान का संरक्षण कहे या फिर अवैध हास्पिटल संचालित करने वालो का रसूख, कि जिले मे दुसरे के नाम पर अवैध तरीके से संचालित हास्पिटलो द्वारा लोगो को लगातार मौत की नींद सुलाने के बावजूद स्वास्थ्य महकमा धृतराष्ट्र बना हुआ है। बीते दिनो पडरौना सदर कोतवाली क्षेत्र के खिरकिया-बांसी मार्ग पर बेसमेंट मे अवैध रूप से धड़ल्ले से संचालित हो रहे मन्नत हास्पिटल के लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की हुई मौत के बाद अभी तक विभाग द्वारा न तो उस हास्पिटल को सील किया गया और न ही हास्पिटल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जो चर्चा का विषय है। 

गौरतलब है कि बीते दिनो खिरकिया – बासी मार्ग पर बेसमेंट में अवैध तरीके से संचालित मन्नत हास्पिटल द्वारा प्रसव-पीड़ा से जूझ रही सोहरौना गांव के निवासी मुन्ना मंसूरी की पत्नी का आप्रेशन किया गया था जहां चिकित्सक की लापरवाही के कारण आपरेशन के बाद दुनिया में आये नवजात शिशु की मौत हो गयी। बताया जाता है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण नवजात की हुई मौत को लेकर परिजन आक्रोशित हुए किन्तु संचालित द्वारा इसे कुदरत का खेल बताकर किसी तरह से परिजनो को शान्त करा दिया गया। तीन दिन बाद 18 दिसम्बर की भोर में जब मुन्ना मंसूरी की पत्नी की हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल संचालक ने उसे जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर स्थित मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां महिला की भी मौत हो गई। हास्पिटल की लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की हुई मौत को लेकर आक्रोशित परिजन जिला अस्पताल से शव लेकर मन्नत हास्पिटल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिजनों का तल्ख तेवर देख मन्नत हास्पिटल के संचालक परिजनो से मामले को मैनेज करने के लिए बिचौलियों को लगाकर अस्पताल पर ताला जड़ स्टाफ के साथ फरार हो गया।

🔴 दलालो ने परिजनो को मैनेज कर शान्त कराया

 ऐसी चर्चा है कि मन्नत हास्पिटल पर परिजनो द्वारा घंटो हो-हल्ला किया गया इसके बाद दलालो ने किसी तरह से मामले को मैनेज कर परिजनों को शव के साथ घर भेज दिया। इस दौरान सूचना पाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन अवैध हास्पिटल पर कार्रवाई व संचालक पर मुकदमा दर्ज कराने के बजाय भौकाल बनाकर चली आयी। सूत्र बताते है कि घटना के बाद हास्पिटल संचालक तबरेज, विभाग के जिम्मेदार लोगो से मिलकर मामले को मैनेज कर लिया ताकि जच्चा-बच्चा की हुई मौत के मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नही की जाए। शायद यही वजह है कि घटना के दस दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हास्पिटल संचालक तबरेज द्वारा मन्नत हास्पिटल बंद कर फरार होने की विलाप कर हाथ पर हाथ धरे बैठे है।  नतीजतन विभाग द्वारा न तो अभी तक मन्नत हास्पिटल सील किया गया और न ही हास्पिटल के संचालक तबरेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जबकि तबरेज के मन्नत हास्पिटल पर चिकित्सक के लापरवाही के कारण दो दिन के अन्तराल मेंनवजात व उसकी माँ को मौत की हुई है। 

🔴काश!स्थानीय लोगो के शिकायत पर हुई होती कार्रवाई 

स्थानीय लोगो का कहना है कि काश पूर्व के शिकायतों पर बेसमेंट में तबरेज द्वारा अवैध तरीके से संचालित मन्नत हास्पिटल के खिलाफ विभाग के जिम्मेदार लोगो ने  कार्रवाई की होती तो मुन्ना मंसूरी की पत्नी व उसके नवजात शिशु की मौत नही हुई होती। लोगो का आरोप है कि विभाग के संरक्षण मे जनपद मे बिना डिग्रीधारी व झोलाछाप डाक्टरों का अवैध हास्पिटल संचालित हो रहा है। 

🔴 बेसमेंट मे एक वर्षो से अवैध रुप से चल रहा था मन्नत हास्पिटल 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि तबरेज और स्वास्थ्य विभाग की आपसी गठजोड़ से मन्नत हास्पिटल अवैध तरीके से विगत एक वर्षों से बेसमेंट में संचालित हो रहा था। यहा के लोगो द्वारा विभाग से लगातार शिकायत की जाती रही है लेकिन आज तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारो के कान पर जूँ नही रेंगा।

🔵रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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