कांग्रेस नेता बोले- शशि थरूर BJP के सुपर प्रवक्ता:थरूर ने कहा था- एयरफोर्स-सेना के ऑपरेशन ने बता दिया, अब आतंकियों को कीमत चुकानी होगी- INA NEWS

कांग्रेस सांसद शशि थरूर केंद्र सरकार की तारीफ करने के चलते एक बार फिर अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं। इस बार कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने उन्हें भाजपा का सुपर प्रवक्ता बता दिया है। उदित राज ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, ‘शशि थरूर भाजपा के सुपर प्रवक्ता हैं। वह PM मोदी और सरकार के पक्ष में बोल रहे हैं। जो चीजें भाजपा नेता नहीं कह रहे हैं, वह शशि थरूर बोल रहे हैं। क्या उन्हें (शशि थरूर) पता भी है कि पहले की सरकारें क्या करती थीं?’ दरअसल, शशि थरूर ने मंगलवार को पनामा सिटी में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने न सिर्फ नियंत्रण रेखा (LoC) और इंटरनेशनल बॉर्डर को पार किया, बल्कि आतंकियों के 9 ठिकानों को खत्म करके पाकिस्तान के पंजाबी गढ़ पर हमला किया है।’ थरूर ने आगे कहा- पिछले कुछ सालों में देश में बदलाव आया है। अब आतंकवादियों को एहसास हो गया है कि उन्हें कीमत चुकानी होगी। सितंबर 2015 में उरी स्ट्राइक के दौरान भारत ने पहली बार आतंकी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) का उल्लंघन किया था। कारगिल युद्ध के दौरान भी हमने LoC पार नहीं किया था। इस बार हमने न सिर्फ LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पार किया, बल्कि उससे भी आगे निकल गए हैं। केंद्र ने थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को ब्रीफ करने भेजा
केंद्र की मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए 7 डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक डिलेगशन का नेतृत्व कर रहे हैं। यह डेलिगशन अमेरिका, गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा। थरूर के अलावा डेलिगशन में लोजपा सांसद शांभवी चौधरी, JMM सांसद सरफराज अहमद, TDP के जीएम हरीश बलयागी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या और भुवनेश्वर के लता, शिवसेना के मल्लिकार्जुन देवड़ा, अमेरिका मेंपूर्व भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू और शिव सेना सांसद मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। डेलिगेशन में थरूर के नाम पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी
केंद्र सरकार ने 17 मई को दुनिया भर में जाने वाले 7 डेलिगेशन को लीड करने वाले सांसदों के नाम जारी किए थे। इसमें कांग्रेस से एकमात्र सांसद शशि थरूर का नाम था। तब कांग्रेस ने कहा था कि उसने केंद्र को थरूर का नाम नहीं दिया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, ‘शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे।’ थरूर ने कहा था- सम्मानित महसूस कर रहा हूं
दूसरी तरफ, शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया। उन्होंने X पर लिखा, ‘मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।’ थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र की तारीफ की थी
सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 8 मई को केंद्र सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की। थरूर के इस बयान के बाद से ही कांग्रेस के कई नेता उनसे नाराज चल रहे हैं। कांग्रेस ने कहा था- थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार की
दिल्ली में 14 मई को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई थी। इसमें कुछ नेताओं ने थरूर की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि यह निजी विचार व्यक्त करने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करने का समय है। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है, लेकिन लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। पिछली सरकारों ने भी अपना पक्ष रखने के लिए डेलिगेशन विदेश भेजे- 1994: विपक्ष के नेता वाजपेयी ने UNHRC में भारत का पक्ष रखा था
ये पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार किसी मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी पार्टियों की मदद लेगी। इससे पहले 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) भेजा था। उस डेलिगेशन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी शामिल थे। तब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में UNHRC के सामने एक प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में था। हालांकि भारतीय डेलिगेशन ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब दिया और नतीजतन पाकिस्तान को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। उस समय UN में भारत के राजदूत हामिद अंसारी ने भी प्रधानमंत्री राव की रणनीति सफल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2008: मुंबई हमलों के बाद मनमोहन सरकार ने डेलिगेशन विदेश भेजा था
2008 में मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी लिंक होने से जुड़े दस्तावेजों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के डेलिगेशन को विदेश भेजने का फैसला किया था। भारत ने पाकिस्तान पर सैन्य हमला न करने का फैसला किया था। हालांकि मनमोहन सरकार के कूटनीतिक हमले के कारण पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा। यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को पहली बार ग्रे-लिस्ट में भी डाला था। क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी। ……………… भारत-पाकिस्तान सीजफायर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पीएम बोले- पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ स्थगित, हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे पाकिस्तान के साथ सीजफायर के 51 घंटे बाद PM मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देश को संबोधित किया था। अपने 22 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, आतंकवाद, सिंधु जल समझौते और PoK पर बात की थी। PM ने कहा था कि जिन आतंकियों ने हमारी मां-बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उन्हें मिटा दिया। पूरी खबर पढ़ें…
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