कांग्रेस का विधानभवन घेराव: 18 दिसम्बर को उठेगी जनसेवा की आवाज, आगरा की राजा मंडी स्थित शहर कार्यालय में आयोजित हुई बैठक
आगरा, 16 दिसम्बर। आगामी 18 दिसम्बर को कांग्रेस कमेटी भाजपा सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में विधानभवन का घेराव करने जा रही है। यह निर्णय हाल ही में राजा मंडी स्थित शहर कार्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया, जहाँ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं आगरा प्रभारी राजकुमार रावत ने खुलासा किया कि कांग्रेस जनता के हर दुख-दर्द में उनके साथ खड़ी है।
बैठक में राजकुमार रावत ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार की नीतियाँ केवल राजनीतिक लाभ की दृष्टि से बनाई जा रही हैं, जो जनता के वास्तविक मुद्दों को नजरअंदाज कर रही हैं। बेरोजगारी, किसानों की समस्याएँ, सरकारी संपत्तियों का निजीकरण, और बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे हैं, जिन्हें कांग्रेस ने गंभीरता से उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव कर बीजेपी को यह एहसास कराएगी कि हम उसी कांग्रेसी परंपरा का हिस्सा हैं जिन्होंने अंग्रेज़ी सरकार से लोहा लेते हुए देश को आजाद कराया।”
कांग्रेस की यह महत्त्वाकांक्षी योजना आगरा की जनता के साथ मिलकर उनके अधिकारों और मुद्दों को मजबूती से उठाने का एक प्रयास है। बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा ने भी आश्वासन दिया कि आगरा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों द्वारा लखनऊ के लिए रवाना होंगे। यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस केवल एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक विश्वास का प्रतीक है, जो अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं की एकता के माध्यम से जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित सिंह ने बैठक में उपस्थित सभी कांग्रेसियों से अपील की कि वे इस आंदोलन में बड़ी संख्या में भाग लेकर सहयोग करें। उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर इस घेराव को सफल बनाना है ताकि भाजपा सरकार को यह संदेश जाए कि जनता उनके खिलाफ खड़ी है।”
बैठक में महत्वपूर्ण वरिष्ठ नेता जैसे विष्णु दत्त शर्मा, अनिल बिधौलिया, मधुरिमा शर्मा, रितु शर्मा और अनेक अन्य कांग्रेस जन उपस्थित रहे। इस बैठक का संचालन याकूब शेख ने किया, जिन्होंने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।
कांग्रेस पार्टी का यह आंदोलन केवल एक राजनीतिक प्रतिवाद नहीं है, बल्कि यह प्रतिनिधित्व करता है उस समाज का जो आज विकट परिस्थितियों में जी रहा है। बेरोजगारी की समस्या, किसानों के समक्ष चुनौतियाँ, और सरकारी नीतियों की खामियां, ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जिन पर गहरा विचार विमर्श किया जाना आवश्यक है।
कांग्रेस का यह आंदोलन आगरा की जनता के समर्पण और एकता का प्रतीक है, जो विश्व भर में लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित करता है। 18 दिसंबर को होने वाला विधानभवन का घेराव यह दिखाएगा कि कैसे एक राजनीतिक पार्टी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गंभीरता से विचार करती है और कैसे वह अपनी जनता के समर्थन से जनहित में आवाज उठाने के लिए तत्पर है।
इस प्रकार, यह आंदोलन केवल कांग्रेस पार्टी का या उसके कार्यकर्ताओं का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति का है जो बुनियादी अधिकारों और सुविधाओं की तलाश में है। 18 दिसम्बर का यह घेराव एक नई शुरुआत का संकेत है, जहाँ जनता की आवाज को सुनने का समय आ गया है।