देश- गजब टेस्ट-अजब नाम…बनारस की पलंग तोड़ मिठाई, 60 सालों से नहीं मिला स्वाद का कोई जोड़- #NA

बनारस की पलंग तोड़ मिठाई

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दूध से बनी मिठाइयों में अलग-अलग तरीके के प्रयोग सालों से होते आए हैं. मिठाइयों में विविधता लाने के लिए कई तरह की चीज़ें दूध में मिलाई जाती हैं. उनको पकाया जाता है और ऐसे ही प्रयोगों से गुज़रते हुए बनारस ने दुनियां को बेहतरीन मिठाइयां दी हैं. चाहे वो मलाई गिलौरी हो या मलाई पान या फिर तिरंगी बर्फी! आज एक ऐसे ही मिठाई की कहानी हम आपको सुना रहे हैं, जिसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि बनारस में बाबा विश्वनाथ के दर्शन और गंगा आरती के बाद लोग इस मिठाई का टेस्ट लेना नहीं भूलते हैं.

बनारस के चौक क्षेत्र के पक्के महाल में स्थित परशुराम मंदिर के सामने भैरव सरदार की दूध, दही और मलाई की पुरानी दुकान है. 80 साल पहले भैरव सरदार के दादा लाला सरदार ने ये दुकान शुरू की थी. इसी दुकान पर आपको बनारस की प्रसिद्ध पलंगतोड़ मिठाई मिलेगी. जी, ये वो मिठाई है जो सिर्फ तीन से चार महीने ही आपको मिलेगी. मिड नवंबर से मिड मार्च तक करीब चार महीने तक रोज़ शाम को पांच बजे से ये मिठाई मिलनी शुरू हो जाती है.

इस मिठाई को बनाने में 10 से 12 घंटे लगते हैं

भैरव सरदार और उनके भाई राजू सरदार रोज़ पांच किलो पलंगतोड़ बनाते हैं और डेढ़ -दो घंटे में बेचकर खाली हो जाते हैं. बात यदि इस मिठाई को तैयार करने की करें तो इसे बनाने में करीब 10 से 12 घण्टे का वक्त लगता है. सुबह से इसके बनाने की प्रकिया शुरू होती है और शाम दुकान सजने के साथ लोग इसका स्वाद चखते हैं.

इस मिठाई को मलाई की परतों और केसर से तैयार किया जाता है. कई लेयर में इसमें मलाई लगाई जाती है. इसके लिए कारीगर सुबह से दूध ख़ौलाने और उससे मलाई जमाने मे जुटे होते हैं. भैरव सरदार ने बताया कि 1964 के नवंबर महीने से इसको बनाने की शुरुआत हमारे ही परिवार ने की थी तब हमारे बब्बा भी रहें. साठ साल से इस मिठाई को हम बनाते आ रहे हैं.मलाई और केसर के अलावा इसमें ड्राई फ्रूट्स का भी खूब इस्तेमाल होता है.जावित्री -जायफल -केसर -इलायची -दूध और मावा को दस से बारह घंटे तक इसको पागा जाता है.भैरव सरदार ने बताया कि पगाने और पकाने में अंतर होता है.

असली नाम मलाई पाग

इस मिठाई का नाम मलाई पाग है लेकिन बनारसी अपने अंदाज़ में इसको पलंग तोड़ कहना शुरू कर दिए. इसमें जो ड्राई फ़्रूट, मावा और मसाले पड़ते हैं वो शरीर को गर्म रखते हैं. इसलिए भी इसको लोग बनारसी अंदाज़ में पलंग तोड़ कहने लगें कि इस मिठाई में बहुत ताकत है.रिटायर्ड प्रोफेसर राम जनम जी इसका टेस्ट पिछले कई साल से ले रहे हैं वो इस मिठाई को शुद्ध और ठंड में शरीर को गर्म रखने वाला बताते हैं. स्थानीय राकेश कहते हैं कि दिल्ली सहित कई शहरों में इसको बनाने की कोशिश हुई लेकिन वो बात नही आ पाई. बनारस के भैरव सरदार के आगे दिल्ली के मिठाई वाले भी पानी भरते हैं.

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