देश- बिहार: घटते जन्म लिंगानुपात पर नीतीश सरकार चिंतित, उठाया यह कदम- #NA

नीतीश कुमार
बिहार सरकार ने जन्म के समय लिंगानुपात मामले में राज्य की खराब स्थिति पर चिंता जाहिर की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात (प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाएं) 882 रहा, जो सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है. HMIS की रिपोर्ट में बिहार को सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल किया गया है.
इससे पहले के लिंगानुपात बात करें तो प्रदेश में 2022-23 में लिंगानुपात 894 वहीं 2021-22 में 914 था. बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य में घटता लिंगानुपात गंभीर चिंता का विषय है. उनका कहना है कि राज्य में लैंगिक असमानता में सुधार के लिए बिहार सरकार ने कई कल्याणकारी उपाय शुरू किए हैं.
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य की महत्वाकांक्षी योजना जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए) एक लड़की के जन्म से स्नातक बनने तक की अवधि को कवर करती है. सरकार की इस योजना का मकसद लड़कियों के जन्म को बढ़ावा देना और भ्रूण हत्या के साथ ही लिंग असंतुलन को रोकना है. गानुपात में गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या भी एक नैतिक और सामाजिक मुद्दा है. ऐसे में सरकार लोगों से बेटियों को बचाने की अपील करती है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सूबे के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA सरकार समाज में लड़कियों के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है.
ये भी पढ़ें
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’
इसके आगे स्वास्थ्य मंत्री ने मंगल पांडे ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शुरुआत पीएम द्वारा 2015 में गिरते बाल लिंग अनुपात और महिला सशक्तिकरण के संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए की गई थी. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, लोगों को संवेदनशील बनाना, जागरूकता बढ़ाने और जमीनी स्तर पर सामुदायिक गतिशीलता के जरिए से मानसिकता में बदलाव पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट की प्रवृत्ति को रोकने के लिए अपने अभियान को और तेज करेगी.
वैशाली जिले का सबसे खराब प्रदर्शन
HMIS रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का वैशाली जिला सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला जिला है, जहां 2023-24 में लिंगानुपात 800 से नीचे था. रिपोर्ट में बताया गया कि वैशाली के बाद भोजपुर (801), सारण (805), गोपालगंज (837), अरवल (844), जमुई (845), जहानाबाद (852), नवादा (858), पटना और शिवहर (862 प्रत्येक) तथा पश्चिमी चंपारण (864) आदि जिले शामिल थे.
हाल ही में बिहार के मुख्य सचिव (सीएस) अमृत लाल मीणा ने इस मुद्दे को लकेर संबंधित विभागों की एक बैठक की थी. इस दौरान राज्य भर के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि गर्भधारण के पहले और प्रसव पहले निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 को अपने-अपने क्षेत्रों में सख्ती सेलागू करें और इसका पालन करें.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link