देश – DNA ही एकमात्र सोल्यूशन, या मोबाइल खोलेगा राज, राजू की गुत्थी सुलझाने में उलझा गाजियाबाद, देहरादून को राहत – #INA
Ghaziabad News :
साहिबाबाद थाना पुलिस की पूछताछ में यह तो साफ हो गया है कि राजू गाजियाबाद आने से पहले पांच माह तक देहरादून में रहा था। उसने देहरादून के लोहियानगर नगर में रहने वाले कपिलदेव शर्मा के घर में बेटे वाली हैसियत पा ली थी। इस तथ्य के उजागर होने से जन्में तमाम सवालों ने पुलिस और शहीदनगर में रहने वाले परिवार को उलझा दिया है। उस परिवार ने इसके खूब नखरे भी उठाए और फिर खुद ही दिल्ली में काम के लिए आने की बात कहकर निकला था। हालांकि यहां आकर उसने फिर वही कहानी दोहराई, और इस मिलती- जुलती कहानी ने यह बात साफ कर दी कि राजू न तो इतना पीड़ित है और न इतना भोला, जितना उसने खुद को खोड़ा थाना पुलिस के सामने पेश किया था।
देहरादून की तरह ही गाजियाबाद में भी जगह बनाई
जैसे जुलाई में देहरादून पुलिस का सहारा लेकर कपिलदेव शर्मा के परिवार तक पहुंचा वैसे ही गाजियाबाद के खोड़ा थाना पुलिस को सहारा लेकर शहीदनगर में रहने वाले तुलाराम और लीलावती के परिवार तक पहुंच गया। 27 से 30 नवंबर तक शहीदनगर का सेलीब्रेटी बनकर रहे इस राजू उर्फ मोनू, उर्फ पन्नू उर्फ भीम सिंह की गाजियाबाद की कहानी मीडिया के जरिए देहरादून तक पहुंची, तब राजू का राज खुलना शुरू हुआ।
1 नवंबर को थाने ले गई साहिबाबाद पुलिस
इस पर साहिबाबाद थाना पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए शहीदनगर से थाने ले गई। पूछताछ में पहले उसने होशियारी करने की कोशिश की लेकिन बाद देहरादून में कपिलदेव शर्मा के परिवार में रहने के बात कबूल कर ली, लेकिन साथ ही दावा किया कि मेरा असली परिवार यही है। शहीदनगर में रहने वाले लीलावती और तुलाराम ही मेरे माता- पिता हैं। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल का कहना है कि तुलाराम और उनका परिवार कन्फयूज है कि राजू उनका अगवा किया गया बेटा भीम सिंह है।
बदलते बयानों में फंसा राजू
पुलिस को पता चला है कि उसने शहीदनगर से भागने की कोशिश भी की है। राजू देहरादून में रहते हुए मोबाइल इस्तेमाल करता रहा है लेकिन शुरू में मोबाइल से अनजान बन रहा था। पहले चार बहनों का अकेला भाई होने का दावा किया था, लेकिन तुलाराम की तीन बेटियां होने की बात पर कहने लगा कि चार बहन भाई होने की बात कही थी। बदलते बयानों से पुलिस राजू का राज खोलने के प्रयास में जुटी है, इसके लिए फिलहाल मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि यह किससे संपर्क में रहता है।
अब कह रहा मुझे थाने में ही पड़ा रहने दो
हालांकि पुलिस पूछताछ में जो राज खुले हैं, अब राजू खुद ही कहने लगा है कि मुझे कहीं नहीं जाना, थाने में पड़ा रहने दो या जेल भेज दो। उसने पुलिस से यह वादा भी किया है कि आगे से किसी परिवार को बेटा होने का दावा नहीं करेगा, देखना अब यह है कि पुलिस मोबाइल से राजू का राज खुलेगा या फिर इसका डीएनए टैस्ट कराना ही एकमात्र सोल्यूशन रह गया गया है। इस पूरे प्रकरण से देहरादून पुलिस और लोहियानगर में रहने वाला कपिलदेव शर्मा का परिवार राहत में आ गया है।
कपिलदेव शर्मा का परिवार राहत में
करीब पांच माह तक परिवार को उनका बेटा मोनू शर्मा बनकर परेशान करने वाले शख्स के घर से निकलने के बाद कपिलदेव शर्मा खुश हैं, पर गाजियाबाद के शहीदनगर में रहने वाले तुलाराम और लीलावती का परिवार और पुलिस राजू की गुत्थी सुलझाने में उलझी हुई है। परिवार संशय में हैं और पुलिस यह पता लगाना चाहती है राजू नाम का यह शख्स अपने बयानों से इतनी पलटियां क्यों मार रहा है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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