देश – गाजियाबाद पुलिस ने की 12वीं गिरफ्तारी, गैंग का दुबई- हांगकांग तक था नेटवर्क – #INA
Ghaziabad News :
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने वेव सिटी थानाक्षेत्र से मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट (RRU) चोरी करने वाले गैंग एक और शातिर कृपाल उर्फ सोनू पुत्र दर्शन सिंह को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त के कब्जे से चोरी की दो आरआरयू बरामद की गई हैं। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि सोनू के कब्जे से बरामद दो आरआरयू की कीमत 15 लाख रुपये है। सोनू अपने साथी दिल्लू उर्फ दिलशाद के साथ आरआरयू लेकर दिल्ली जाने वाला था, क्राइम ब्रांच की टीम ने उससे पहले ही सोनू को दबोच लिया।
पंजाब के मोगा का रहने वाला है सोनू
क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा सोनू पंजाब के मोगा का रहने वाला है। अभियुक्त के खिलाफ पंजाब में सात, जम्मू कश्मीर में एक और गाजियाबाद में कुल दो मुकदमे दर्ज हैं। डीसीपी देहात की ओर से अभियुक्त की गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का ईनाम घोषित था। एडीसीपी ने बताया कि 30 साल का सोनू मात्र आठवीं तक पढ़ा है। 2022 में अभियुक्त ने जियो कंपनी में केबल डालने का काम शुरू किया था। शुरु में यह केबल से तांबा चोरी कर कबाड़ी को बेचता था। इसी दौरान सरफराज कबाड़ी के संपर्क में आया। सरफराज के कहने पर अभियुक्त आरआरयू चोरी करके देने लगा और कुछ दिन बाद सरफराज के जरिए जावेद के गैंग में शामिल हो गया। सरफराज के मेरठ के मवाना का रहने वाला है।
सरगना समेत 12 शातिर भेजे गए जेल
गाजियाबाद पुलिस इस गैंग के सरगना जावेद समेत 12 गिरफ्तारियां कर चुकी है। मई, 2024 में पुलिस ने छह शातिरों को गिरफ्तार कर गैंग का खुलासा किया था। इसकी जानकारी जब दुबई में बैठे गैंग के सरगना को हुई तो उसने भारत लौटने का इरादा छोड़ दिया था। गाजियाबाद पुलिस ने जावेद के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कराया था और उसी के आधार पर 08 अक्टूबर, 2024 को उसे इंदिरागांधी एयरपोर्ट से दुबई जाते समय गिरफ्तार किया गया था। वह कुछ दिन पहले ही भारत आया था और फिर दुबई जाने की फिराक में था। 10 अक्टूबर को गाजियाबाद पुलिस कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड के जरिए उसे गाजियाबाद लेकर आई और 35 लाख का चोरी का माल बरामद करने के बाद जेल भेज दिया था। गाजियाबाद पुलिस ने जावेद की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था।
जावेद के गैंग का 10 राज्यों में था नेटवर्क
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि इस गैंग का दिल्ली- एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु समेत 10 राज्यों में नेटवर्क था। इस गैंग के शातिर मोबाइल टावरों से आरआरयू चोरी करने के लिए लग्जरी गाडियों और यहां तक कि कई बार फ्लाइट भी इस्तेमाल करते थे। एक आरआरयू की कीमत सात- आठ लाख रुपये तक होती है। जावेद 10 राज्यों में गैंग चलाकर मोबाइल टावर से चोरी किए गए रेडियो रिसीवर यूनिट (RRU) को 60 हजार रुपये में खरीदता था।
जावेद दुबई में सप्लाई करता था आरआरयू
गैंग का सरगना जावेद चोरी की आरआरयू दुबई, चाइना और हांगकांग में शामिल करता था। क्राइम ब्रांच लंबे समय से इस गैंग के पीछे लगी है। मई, 2024 में नंदग्राम थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने इस गैंग का पर्दाफाश किया था। सबसे पहले गैंग के छह शातिर गिरफ्तार कर जियो, एयरटेल, और अन्य कंपनियों के मोबाइल टावर से चोरी किए गए उपकरण बरामद किए गए थे। पूछताछ में उन्होंने सात और लोगों के नाम बताए थे। इनमें छह को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि गैंग का मास्टरमाइंड जावेद अक्टूबर में गिरफ्तार हुआ था।
जावेद विदेशों में 16 लाख में बेचता था यूनिट
मोबाइल टावर पर इस्तेमाल होने वाली रेडियो रिसीवर यूनिट को जावेदन दुबाई और हांगकांग में 16 लाख रुपये में बेचता था। जावेद ने दुबई में 80 करोड़ का बंगला खरीदा है। उसके पास मौजूद लग्जरी कारों की भी लंबी फेहरिस्त है। उसके गैंग में कृपाल उर्फ सोनू के अलावा मोहसिन, सरफराज, अनस, अकरम, शाकिब, शादाब, सलमान, अज्जू, अमन, दिल्लू उर्फ दिलशाद, शाहिद, नूर और हातिम शामिल थे। इनमें से अज्जू, अमन और दिल्लू उर्फ दिलशाद अभी फरार हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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