देश – जेई – बाबू के खेल निराले, जिसकी चाहें फाइल दबा लें, बड़ा 'नेक्सस' खुला – #INA
Ghaziabad News :
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के बाबू और जेई एक बड़े बिल्डर पर छह करोड़ रुपये के बकाए की फाइल दबाए रखने के सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। दरअसल ऑडिट कर रही शासकीय समिति ने बकाया वसूली न होने पर सवाल उठाया तो जीडीए वीसी ने मामले की फाइल तलब कर ली। फाइल सामने आते हुए वीसी ने पकड़ लिया कि संबंधित बाबू और जेई ने बिल्डर से मिलकर खेल कर दिया। इतने बड़े बकाये की फाइल चार तक दबी रही, लेकिन किसी अधिकारी को इस ओर ध्यान नही गया।
जानिए क्या है पूरा मामला
राजनगर एक्सटेंशन के मामले में वीवीआईपी इंफ्रा होम लिमिटेड की ओर से 2017 हाईकोर्ट में बाहृय विकास शुल्क के साथ ही मेट्रो और एलीवेटेड रोड सेस लगाए जाने को गलत कराते देते हुए केस दायर किया था। जीडीए के खिलाफ दायर किए गए इस केस में सेस को लेकर बिल्डर के पक्ष में निर्णय हुआ था जबकि बाह्य विकास शुल्क पर कोई बात नहीं हुई थी, लेकिन कोई कोर्ट के निर्णय के बाद न तो सुप्रीम कोर्ट में मामला ले जाया गया और न ही बकाया वाह्य शुल्क वसूलने के लिए कोई प्रयास किया गया।
केवल बाह्य विकास शुल्क का 5.89 करोड़
वीवीआईपी इंफ्रा होम लिमिटेड पर केवल बाह्य विकास शुल्क का 5.89 करोड़ रुपया बकाया था, जो 2020 में हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद वसूला जाना चाहिए था, नहीं वसूला गया। ऑडिट आपत्ति के बाद जीडीए वीसी अतुल वत्स ने फाइल तलब की तो पता संबंधित बाबू और जेई की लापरवाही के चलते जीडीए का इतना बकाया वसूल नहीं हो पाया।
दोनों को मिली विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि
जीडीए वीसी का कहना है कि मेट्रो और एलीवेटेड रोड सेस के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था और बकाया बाह्य शुल्क वसूली के डिमांड नोटिस भेजा जाना चाहिए था। मामले में जीडीए वीसी अतुल वत्स ने संबंधित जूनियर इंजीनियर और बाबू को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही बिल्डर को डिमांड नोट जारी करने के आदेश दिए हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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