देश- झारखंडः कैसी होगी हेमंत सोरेन कैबिनेट, जिलेवार बन रहे समीकरण को समझिए- #NA
सीएम हेमंत सोरेन.
झारखंड में हेमंत सोरेन की नई सरकार में कौन-कौन मंत्री बनेगा, इसे लेकर रांची से दिल्ली तक माथापच्ची जारी है. मंत्री बनने का जो नया फॉर्मूला सामने आया है, उसके मुताबिक इस बार कैबिनेट में जाति समीकरण के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन और अनुभव को तरजीह देने की तैयारी है. 24 जिले वाले झारखंड में कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
कहा जा रहा है कि यह फॉर्मूला अगर लागू होता है तो कम से कम 5 जिले सोरेन कैबिनेट में शामिल होने से पहले ही रेस से बाहर हो जाएगा.
3 जिले में विधायक 2 में समीकरण नहीं
हालिया विधानसभा चुनाव में झारखंड की 81 में से 56 सीटों पर हेमंत सोरेन गठबंधन ने जीत हासिल की है, लेकिन राज्य की 3 जिले ऐसे भी हैं, जहां पर एक भी सीट इंडिया गठबंधन को नहीं मिली है. ये 3 जिला है- कोडरमा, हजारीबाग और चतरा.
कोडरमा में विधानसभा की एक सीट है, जहां बीजेपी उम्मीदवार नीरा यादव ने जीत हासिल की है. हजारीबाग की सभी चार सीटों पर एनडीए गठबंधन को जीत मिली है. इसी तरह चचरा की 2 सीट पर भी एनडीए ने जीत हासिल की है.
इन 3 जिलों में एक भी सीट न मिल पाने के कारण हेमंत कैबिनेट में यहां से मंत्री बनना मुश्किल है. पिछली सरकार में चतरा के विधायक सत्यनांद भोगता को हेमंत सोरेन ने मंत्री बनवाया था. भोगता पूरे 5 साल मंत्री रहे.
कोडरमा, चतरा और हजारीबाग के अलावा गिरिडीह और पलामू का समीकरण भी पक्ष में नहीं है. गिरिडीह की 2 सीटों पर जेएमएम को जीत जरूर मिली है, लेकिन दोनों ही समीकरण में फिट नहीं है. गिरिडीह की गांडेय सीट से कल्पना सोरेन विधायक चुनी गई हैं.
हेमंत सोरेन कैबिनेट में कल्पना के मंत्री बनने की गुंजाइश कम है. इसी तरह गिरिडीह से सुदिव्य सोनू दूसरी बार जीतकर सदन पहुंचे हैं. कैबिनेट का समीकरण सुदिव्य सोनू के पक्ष में भी नहीं है.
इसी तरह पलामू की 5 में से 3 सीटों पर इंडिया को जीत मिली है. इनमें से 2 सीट आरजेडी और एक कांग्रेस कोटे में गई है.
इन जिलों में दावेदारों की होड़
गोड्डा, देवघर और पाकुड़ जिले में मंत्री पद के सबसे ज्यादा 3-3 दावेदार हैं. गोड्डा की सभी 3 सीटों पर इस बार इंडिया गठबंधन को जीत मिली है. गोड्डा से आरजेडी के संजय यादव, पौड़ेयाहाट से कांग्रेस के प्रदीप यादव और महगामा से कांग्रेस के दीपिका पांडेय ने जीत हासिल की है.
संजय यादव आरजेडी कोटे से मंत्री बनने की कवायद में जुटे हैं. प्रदीप और दीपिका कांग्रेस से उम्मीद है. दीपिका पिछली सरकार में मंत्री रह भी चुकी हैं. दोनों नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है.
इसी तरह देवघर में भी 3 दावेदार हैं. देवघर सीट से बीजेपी को चित करने वाले आरजेडी के सुरेश पासवान मंत्री पद के लिए फ्रंटरनर हैं. बगल की मधुपुर से दूसरी बार विधायक चुने गए हफीजुल हसन भी दावेदारी कर रहे हैं. हफीजुल मंत्री भी रह चुके हैं.
सारठ से बीजेपी के कद्दावर नेता को हराने वाले उदयशंकर उर्फ चुन्ना सिंह जनरल कोटे से मंत्री बनना चाहते हैं. संथाल परगना की पाकुड़ जिले में भी मंत्री पद के 3 दावेदार हैं. पाकुड़ से कद्दावर नेता आलमगीर आलम की पत्नी जीतकर सदन पहुंची हैं.
आलमगीर आलम हेमंत सरकार में मंत्री थे. आलम अपने कोटे से पत्नी को मंत्री बनवाना चाहते हैं. महेशपुर सीट से 9 बार के विधायक स्टीफन मरांडी भी मंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने दावेदारी भी जता दी है. लिट्टीपाड़ा से जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले हेमलाल मुर्मू भी मंत्री पद के दावेदार हैं.
जामताड़ा जिले की 2 सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिली है. जामताड़ा से पूर्व मंत्री इरफान अंसारी और नाला से स्पीकर रवींद्र नाथ महतो चुनाव जीतकर फिर सदन पहुंचे हैं.
इस बार दोनों कैबिनेट मंत्री की रेस में शामिल हैं.
कांग्रेस को 4 और आरजेडी को 1 पद
इंडिया गठबंधन में शामिल माले ने कैबिनेट में शामिल होने से इनकार कर दिया है. माले सरकार को बाहर से समर्थन देगी. ऐसे में अब सरकार में पिछली बार की तरह ही कांग्रेस को 4 और आरजेडी को एक मंत्री पद मिलेगा.
झारखंड में सबसे ज्यादा झारखंड मुक्ति मोर्चा के 7 मंत्री सरकार में होंगे. पिछली सरकार में मुख्यमंत्री समेत 5 मंत्री आदिवासी थे. 2 दलित और दो सवर्ण को कैबिनेट में जगह दी गई थी. 2 पद ओबीसी समुदाय को दिया गया था.
कहा जा रहा है कि जातीय स्ट्रक्चर इस बार भी कुछ ऐसा ही रहने वाला है. हालांकि, इस बार पुराने सरकार के 4 मंत्री चुनाव हार गए हैं तो एक मंत्री मैदान में ही नहीं थे. ऐसे में 5 चेहरे तो नए तय माने जा रहे हैं.
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