देश- ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की हालत पर जताई चिंता, संयुक्त राष्ट्र से मदद लेने की अपील की- #NA
सीएम ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. सोमवार को ममता बनर्जी ने भारत सरकार से संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करके बांग्लादेश में शांति तैनात करने की और साथ ही वहां से सताए गए भारतीयों को वापस लाने की अपील की है. उन्होंने विदेश मंत्री से संसद में बयान जारी करने का आग्रह भी किया है.
केंद्र से ठोस कदम उठाने की अपील
बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति पर राजनीतिक बहस के बीच, ममता बनर्जी ने सद्भाव और भाईचारे को प्राथमिकता देते हुए केंद्र से ठोस कदम उठाने की अपील की है. ममता बनर्जी ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
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मुख्यमंत्री ने केंद्र से अपील की कि विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को बांग्लादेश प्रशासन और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाए. साथ ही यदि आवश्यक हो तो अंतरराष्ट्रीय शांति बल भेजकर बांग्लादेश में सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश करनी चाहिए.
सरकार पर चुप्पी साधने का लगाया आरोप
ममता ने सताए गए भारतीय नागरिकों को बचाने और उनके पुनर्वास पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी, तो हम उनकी मदद के लिए अपने संसाधनों को साझा करेंगे. उनके लिए अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं होगी.” बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सीमा के उस पार बिगड़ती स्थिति पर 10 दिनों से चुप्पी साधने का आरोप लगाया. राज्य सरकार केवल केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन कर सकती है.”
“घड़ियाली आंसू” बहाने का आरोप
भाजपा ने मुख्यमंत्री की अपील पर सवाल उठाए. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए अपने सांसदों को निर्देश देना चाहिए. उन्होंने इसे राजनीति से ऊपर उठकर बांग्ला भाषी हिंदुओं के अस्तित्व का संकट बताया.
हालांकि, शुभेंदु अधिकारी ने ममता की शांति मिशन की मांग का समर्थन किया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भी पहले इसी तरह की मांग की थी. भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ममता पर हिंदुओं के लिए “घड़ियाली आंसू” बहाने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री को अपने कार्यों के माध्यम से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
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