देश – सियासी मजबूरी या दांव… पटपड़गंज से सिसोदिया की जगह अवध ओझा AAP उम्मीदवार क्यों?- #INA

मनीष सिसोदिया, अवध ओझा
दिल्ली विधानसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान भले ही अभी तक न हुआ हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपनी सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. आम आदमी पार्टी ने सोमवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट इस बार बदल दी है. सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा सीट से टिकट दिया है जबकि पटपड़गंज सीट पर मोटिवेशनल स्पीकर और ऑनलाइन कोचिंग टीचर के तौर पर मशहूर अवध ओझा को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी ने सियासी मजबूरी में सिसोदिया की सीट बदली या फिर राजनीतिक दांव है.
आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया को सबसे कद्दावर नेता माना जाता है. केजरीवाल के साथ ‘परिवर्तन’ के दौर से मनीष सिसोदिया के रिश्ते हैं. अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन किया तो सिसोदिया उनके साथ मजबूती से खड़े रहे. पटपड़गंज सीट को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया. 2013, 2015 और 2020 के चुनाव में सिसोदिया पटपड़गंज सीट से विधायक चुने गए, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सीट बदल दी है.
2025 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट के बजाय जंगपुरा सीट से किस्मत आजमाएंगे. पटपड़गंज सीट पर सिसोदिया की जगह पर अवध ओझा को प्रत्याशी बनाया गया है. माना जा रहा है कि सीट के सियासी समीकरण को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने यह बड़ा फेर बदल किया है. सिसोदिया की सीट बदल कर और पटपड़गंज सीट से अवध ओझा को उतारकर बड़ा सियासी दांव केजरीवाल ने चला है. इसकी एक बड़ी वजह सीट के सियासी समीकरण की है, जो अवध ओझा के काफी मुफीद साबित हो सकती है.
2020 में काफी मुश्किल के जीते थे सिसोदिया
पटपड़गंज सीट पर पिछले चुनाव में मनीष सिसोदिया को जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ गई थी. सिसोदिया को बीजेपी के रवींद्र सिंह नेगी कांटे की टक्कर दी थी और सिर्फ 3500 वोटों से ही जीत मिली थी. इससे पहले सिसोदिया 2013 में 11 हजार और 2015 में 28 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. 2020 के चुनाव में जीत के लिए सिसोदिया के पसीने छूट गए थे. मतगणना के दसवें राउंड तक बीजेपी प्रत्याशी नेगी से सिसोदिया लगातार पीछे चल रहे थे, लेकिन 11वें राउंड में बढ़त बनाते हुए जीत दर्ज की थी. इस बार सिसोदिया कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने सीट बदल दी है.
पटपड़गंज सीट के बजाय सिसोदिया जंगपुरा सीट से किस्मत आजमाएंगे. सिख और मुस्लिम बहुल जंगपुर सीट सिसोदिया के लिए पटपड़गंज से ज्यादा मुफीद मानी जा रही है. माना जा रहा है कि सिसोदिया को इस सीट पर बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करना चाहती. आम आदमी पार्टी भी चाहती है कि मनीष सिसोदिया सिर्फ अपनी सीट तक न फंस कर रह जाए, जिसके लिए उन्हें मुश्किल सीट के बजाय आसानी से जीतने वाली सीट से प्रत्याशी बनाया है. इसीलिए जंगपुर सीट का सेलेक्शन किया गया है, जहां से प्रवीण कुमार फिलहाल विधायक हैं.
सियासी समीकरण के चलते बदली गई सीट
पटपड़गंज ब्राह्मण और गुर्जर वोटरों का दबदबा है. इसके अलावा उत्तराखंडी वोटर भी बड़ी संख्या में है. केजरीवाल ने सीट के सियासी समीकरण को देखते हुए पटपड़गंज सीट से सिसोदिया की जगह अवध ओझा पर विश्वास जताया है. अवध ओझा के उतरने से ब्राह्मण समाज के वोटों का सियासी लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है. इसके अलावा गुर्जर वोटों में भी सेंधमारी करने में ओझा सफल हो सकते हैं, क्योंकि अक्सर वो कहते हैं कि गुर्जर समाज के लोगों से उनकी काफी अच्छी दोस्ती है और वो उनके लिए हमेंशा तन मन धन से तैयार रहते हैं. कई वीडियो में ओझा खुलकर गुर्जर समाज की तारीफ करते नजर आते हैं.
पटपड़गंज इलाके में काफी कोचिंग सेंटर चलते हैं, जहां पर बड़ी संख्या में लोग प्रतियोगी परीक्षा और सीए की तैयारी करते हैं. माना जा रहा है कि अवध को इसीलिए आम आदमी पार्टी ने पटपड़गंज से प्रत्याशी बनाया है. अवध ओझा एक मशहूर शिक्षाविद, मोटिवेशनल स्पीकर और कोचिंग टीचर के तौर पर जाने जाते हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अवध ओझा ऐसी ही सीट की तलाश में थे. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रयागराज सीट से इसीलिए चुनाव लड़ना चाहते हैं. आम आदमी पार्टी ने इसीलिए अवध ओझा को पटपड़गंज सीट से उतारा है.
पटपड़गंज से टिकट मिलने पर अवध ओझा ने क्या कहा?
शिक्षा सेवा का साधन है. मैं आभार प्रकट करता हूं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी का, जिन्होंने मुझ जैसे सामान्य शिक्षक पर भरोसा किया और मौका दिया. पटपड़गंज से सिसोदिया जी का शिक्षा संकल्प जारी रहेगा. भाई मनीष सिसोदिया जी का शिक्षा के प्रति अतुलनीय योगदान है, उनकी शिक्षा यात्रा को आगे बढ़ा सकूं मैं अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हूं. संघर्ष की पहचान भाई संजय सिंह जी का कोटि कोटि धन्यवाद. आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का आभार.
शिक्षा सेवा का साधन है।
मैं आभार प्रकट करता हूं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी का जिन्होंने मुझ जैसे सामान्य शिक्षक पर भरोसा किया और मौका दिया।
पटपड़गंज से सिसोदिया जी का शिक्षा संकल्प जारी रहेगा
भाई मनीष सिसोदिया जी का शिक्षा के प्रति अतुलनीय योगदान pic.twitter.com/LQpsVqiHuv
— Avadh ojha (@kafiravadh) December 9, 2024
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आम आदमी पार्टी में शामिल होने के दौरान अवध ओझा ने कहा था शिक्षा का विकास मेरी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज, परिवार और राष्ट्र की आत्मा है, जितने भी देश महान हुए उनके बैकग्राउंड में कहीं ना कहीं शिक्षा का योगदान अहम रहा. अवध ओझा ने कहा कि राजनीति में आकर शिक्षा का विकास मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य है. इस तरह साफ है कि आम आदमी पार्टी और अवध ओझा को पटपड़गंज सीट से उतारकर शिक्षा को केंद्र में रखकर सियासी एजेंडा सेट कर रहे हैं और सीट भी सुरक्षित कर ली है.
आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पार्टी ने पहली लिस्ट जारी करके अपनी तैयारियों को तेज कर दी थी. उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के अंदर किसी भी सीट से लड़ेंगे जीत जाएंगे, लेकिन अवध ओझा की ज्वाइनिंग के बाद मनीष सिसोदिया ने अपनी सीट से अवध में का नाम प्रस्तावित किया और वो खुद जंगपुरा से लड रहे हैं.
जंगपुरा से टिकट मिलने पर सिसोदिया ने क्या कहा?
पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट मिलने पर मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताते हुए जंगपुरा से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी. मैं खुद को एक शिक्षक मानता हूं, राजनीतिज्ञ नहीं. पटपड़गंज सीट मेरे लिए सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति का दिल था. जब अवध ओझा जी पार्टी से जुड़े और उन्हें चुनाव लड़ाने की मांग उठी, तो मैं यही सोच पाया कि एक शिक्षक के लिए पटपड़गंज से बेहतर सीट कोई हो ही नहीं सकती.
सिसोदिया ने आगे कहा कि एक और शिक्षक को पटपड़गंज की जिम्मेदारी सौंपते हुए मुझे खुशी है. मैं अब जंगपुरा सीट में सबके साथ मिलकर वही काम करने को तैयार हूं, जो पटपड़गंज में शिक्षा, सेवा और विकास के लिए किया. उन्होंने कहा कि मेरे लिए राजनीति सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि शिक्षा, ईमानदारी और जनता की भलाई का जरिया है. पटपड़गंज से जंगपुरा तक, मेरा संकल्प अडिग है.दिल्ली को और बेहतर बनाना है.
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