देश- डॉक्टर के पास नंबर लगाने के लिए लिंक भेज 5 लाख की ठगी, 25 मिनट में कर दिए16 ट्रांजैक्शन- #NA

(फाइल फोटो)

साइबर ठगों के द्वारा लगातार ठगी के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं और पलक झपकते ही लोगों के खाते से पैसे गायब कर दिए जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गाजीपुर से आया है. जहां न्यूरो के डॉक्टर को दिखाने के लिए एक लिंक पर दस रुपए मांगे गए और मरीज का पूरा विवरण मांगा गया. जैसे ही पीड़ित ने पूरा विवरण और दस रुपए यूपीआई से ट्रांसफर किए तो उसका पूरा अकाउंट खाली कर दिया गया. ट्रांजैक्शन के 25 मिनट बाद ही 16 ट्रांजैक्शन पर पांच लाख रुपए की ठगी कर ली गई.

मामला सदर कोतवाली इलाके के सर्राफा व्यवसायी से जुड़े एक व्यक्ति का है. जो अपने बेटे को वाराणसी में एक न्यूरो चिकित्सक को दिखाने के लिए अपने एक रिश्तेदार से नंबर लगवाने की बात कही. रिश्तेदार और पीड़ित व्यक्ति लगातार उस नंबर पर फोन कर नंबर लगाने के लिए ट्राई करते रहे, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ. वहीं करीब कुछ मिनट के बाद एक नंबर से कॉल आया और इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन करने की बात कही गई. रिश्तेदार के अनुरोध पर सर्राफा व्यवसायी ने अपने मोबाइल से उस नंबर पर कॉल किया तो एक लिंक उसके व्हाट्सएप पर आया.

साइबर ठगी का शिकार

लिंक पर दिए गए फॉर्म में मरीज से संबंधित जानकारी भरने के साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए यूपीआई से दस रुपए ऑनलाइन भेजने को कहा गया. सर्राफा व्यवसायी ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दस रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर भी किया. लेकिन पैसे ट्रांसफर नहीं हुए. पीड़ित ने कॉल करने वालों को बताया तो उसने कहा कोई बात नहीं 10 मिनट लाइन पर है और इस दौरान उसने पूरी प्रक्रिया की. इसके बाद सर्राफा व्यवसायी अपने काम में व्यस्त हो गया. तीन दिनों के बाद 9 दिसंबर की शाम को जब पीड़ित ने अपने मोबाइल के यूपीआई में पिन डालकर बैलेंस चेक किया तो साइबर ठगों ने 16 ट्रांजैक्शन में उसके खाते से 499158 निकाल लिए थे.

पीड़ित ने बताया कि उसे 14 ट्रांजैक्शन होने के बारे में भी कुछ पता नहीं चल पाया और जब उसने दुकान पर आए हुए एक ग्राहक ने ढाई हजार रुपए का ट्रांजैक्शन किया और पीड़ित ने अपना बैलेंस चेक करने के लिए मोबाइल उठाया तो उसके होश उड़ गए. क्योंकि इस दौरान उसके बैंक से 14 ट्रांजैक्शन हो चुके थे और जब तक वह मैसेज चेक करता. इस दौरान ठगों ने दो और ट्रांजैक्शन से पैसा निकाल लिया. हालांकि इसके बाद पीड़ित ने साइबर सेल पर इसकी शिकायत कर अपने खाता संचालन पर रोक लगा दिया था.

ठगों ने पार किए 5 लाख

पीड़ित ने जब इसकी शिकायत साइबर सेल में की तो पता चला कि ठगों ने एक लाख किसी अन्य के खाते में यूपीआई से ट्रांसफर किया है. बाकी पैसों की ऑनलाइन खरीदारी की गई है और वही जब पुलिस ने ऑनलाइन कंपनी से संपर्क किया तो पता चला कि जिस सामान की खरीदारी हुई है उसकी डिलीवरी भी हो चुकी है.

पीड़ित के द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बाद पुलिस के द्वारा नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वहीं साइबर सेल को प्रार्थना पत्र ट्रांसफर किया गया और पुलिस ने करवाई की तो पता चला कि कुल 25 मिनट के अंदर 16 ट्रांजैक्शन कर ऑनलाइन खरीदारीकीगईथी.

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