देश- पटना के संजय गांधी जू में स्मॉल कैट इंक्लोजर का हुआ उद्घाटन, बेंगलुरु से लाया गया जेब्रा- #NA

पटना जू में ‘स्मॉल कैट इंक्लोजर’ का हुआ उद्घाटन.
पटना के संजय गांधी जू में सोमवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने स्मॉल कैट इंक्लोजर का उद्घाटन किया. दो साल के निर्माण कार्य के बाद यह इंक्लोजर पर्यटकों के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है. इसका निर्माण लगभग 3 करोड़ 18 लाख रुपये की लागत से किया गया है.
इस नए इंक्लोजर में कुल छह डिस्प्ले एरिया और 18 नाइट हाउस हैं, जो जंगली जानवरों के लिए बेहतर हैं. वहीं इस इंक्लोजर की बात करे तो इसका डिजाइन U आकार में किया गया है, जिससे वहां रह रहें जानवरों को पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन मिल सके.
सैलानियों की सुविधाओं का भी रखा ध्यान
जू में रह रहे सभी जानवरों के रहन-सहन और स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी के लिए इसमें हाई-क्वालिटी की व्यवस्था की गई है. इस इंक्लोजर में दो कराल भी हैं, जिसमें अस्वस्थ या प्रदर्शित नहीं किए जाने वाले वन्यजीवों का इलाज और देखभाल की जा सकती है. इससे न केवल वहां रह रहे जानवरो की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि सैलानियों को प्राकृतिक आवास में वन्यजीवों को देखने का अनूठा अनुभव भी देता है.
विजिटर सर्कुलेशन की व्यवस्था
इसके ग्लास डिस्प्ले एरिया के कारण पर्यटकों को छोटे बिल्ली प्रजातियों के वन्यजीवों को नजदीक से देखने में आसानी होगी. साथ ही, भीड़ को मैनेज करने के लिए एकल मार्ग में विजिटर सर्कुलेशन की व्यवस्था भी की गई है. मौजूदा समय में, इस इंक्लोजर में जंगल कैट, फिशिंग कैट और लेपर्ड कैट के वन्यजीवों को रखा गया है. भविष्य में इस इंक्लोजर में अन्य छोटी बिल्ली प्रजातियों जैसे स्पॉटेड कैट, क्लाउडेड लेपर्ड कैट और मार्बल्ड कैट को लाए जाने की योजना है.
जू में जेब्रा की हुई एंट्री
इसके अलावा, वन्यजीवों के अदला-बदली कार्यक्रम के तहत अन्य प्रजातियों को लाया जाना प्रस्तावित है. इस परियोजना का उद्देश्य पटना जू को और भी आकर्षक और समृद्ध बनाना है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को नए और कई वन्यजीवों से परिचित कराया जा सके.
इतना ही नहीं संजय गांधी जू में इस दिन एक और महत्वपूर्ण घटना हुई. यहां एक फीमेल जेब्रा एक साल से अकेली रह रही थी. अक्टूबर 2024 में वन्यजीव अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क से नर जेब्रा को पटना लाया गया था. इसे क्वारंटाइन अवधि के बाद अब मादा जेब्रा के साथ रखा गया है. इस कदम से ना केवल जेब्रों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण भी होगा.
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