देश- महराष्ट्र: मुख्यमंत्री के नाम पर कब खत्म होगा सस्पेंस? ‘नाराज-बीमार’ शिंदे पर सबकी नजर, आज सतारा से आएंगे मुंबई- #NA

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के करीब एक हफ्ते बाद भी महायुति में सत्ता की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है. जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे नई सरकार के गठन को लेकर पेच भी फंसता जा रहा है. महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा यह फिलहाल तय नहीं है लेकिन बीजेपी का ही होगा ये लगभग तय माना जा रहा है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस समय अपने पैतृक गांव सतारा में हैं.

आज शाम तक उनके मुंबई आने की संभावना है. अगर आज शाम तक शिंदे मुंबई नहीं आते हैं तो इसे उनकी नाराजगी से जोड़कर फिर से देखा जाएगा. शिंदे मंत्री पद में वित्त और गृह मंत्रालय मांग रहे हैं. पिछली सरकार में गृह और वित्त दोनों मंत्रालय उपमुख्यमंत्री के पास था.
बीजेपी की ओर से इस प्रस्ताव पर फिलहाल इनकार है. बीजेपी ने उन्हें (शिंदे) डिप्टी सीएम के साथ पीडब्ल्यूडी की पेशकश की है.

एकनाथ शिंदे के अगले कदम पर सभी की निगाहें

महाराष्ट्र में भले ही सीएम फेस तय नहीं हुआ हो लेकिन शपथ ग्रहण की तारीख और स्थान लगभग तय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि पांच दिसंबर को दोपहर 1 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण होगा. यह समारोह मुंबई के आजाद मैदान में हो सकता है. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के गठन और कार्यवाहक सीएम शिंदे के अगले कदम पर सभी की निगाहें टिकी हैं. महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछले दो दिनों से बुखार और गले के संक्रमण से पीड़ित हैं. वह अपने पैतृक गांव सतारा में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.

एकनाथ शिंदे शुक्रवार को अचानक अपने गांव पहुंच गए थे. शिंदे के सतारा जाने की वजह से महाराष्ट्र में एनडीए की प्रस्तावित बैठक रद्द हो गई थी. वहीं, महायुति की यह बैठक आज देर रात मुंबई या कल यानी सोमवार को दिल्ली में हो सकती है, इसमें विभागों को लेकर चर्चा हो सकती है. कल यानी रविवार को अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा. सहयोगी दलों से डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे. लेकिन किसे कमान मिलेगी, यह अजित ने नहीं बताया.

BJP के पास 132 सीटें तो CM उनका ही होगा- अजित

पुणे में अजित पवार ने कहा कि महायुति नेता की दिल्ली बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि महायुति भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाएगी और शेष दो दलों के उपमुख्यमंत्री होंगे. यह पहली बार नहीं है जब देरी हुई है. अगर आपको याद हो 1999 में सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था. उन्होंने आगे कहा कि रही बात मंत्रालय के बंटवारे का तो मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद मंत्रालय बंटवारे का पूरा अधिकार राज्य के मुख्यमंत्री का होता है. कुछ भी खींचतान नहीं है.

अजित ने कहा कि एकनाथ शिंदे साहेब ने भी साफ कह दिया है कि अमित शाह और मोदी जी जो निर्णय लेंगे वो हमें मान्य है. हमने अपनी भूमिका पहले ही जाहिर कर दी है. जाहिर है उनके पास 132 सीट है तो मुख्यमंत्री उनका ही होगा. अजित ने कहा कि शिंदे साहब नाराज नहीं हैं. इतने दिन प्रचार में फंसे हुए थे. शनिवार और रविवार को कार्यवाहक मुख्यमंत्री को इतना काम नहीं होता है, इसलिए वो अपने पैतृक गांव गए हुए हैं.

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