देश – रेप के आरोप में महिला ने 18 साल पहले 3 खिलाड़ियों को पहुंचाया था जेल, अब कहा- मैंने झूठ बोला था #INA

America False Rape Case: अपराधों पर लगाम कसने के लिए अकसर सख्त कानून बनाए जाते हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग किसी की भी जिंदगी को तहस नहस कर सकता है. ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं, जिसमें कई निर्दोष मासूम लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया गया. ऐसा ही एक मामला अमेरिका से सामने आया है, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया है. यहां रेप कानून का दुरुपयोग करते हुए तीन खिलाड़ियों को लंबे समय तक कानूनी विवाद में फंसा दिया गया.

बता दें कि तीन खिलाड़ियों पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने वाली महिला ने 18 साल बाद अपना मुंह खोला. उसने स्वीकार किया कि ये आरोप केवल सबक सिखाने के लिए लगाए थे. महिला ने यह भी माना कि पूरी कहानी उसने खुद गढ़ी थी और ये आरोप झूठे थे.

2006 का है मामला

इस मामले की शुरुआत 2006 से हुई थी. उस वक्त अमेरिका में क्रिस्टल मैंगम ने ड्यूक यूनिवर्सिटी के तीन लैक्रोस (एक खेल) खिलाड़ियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था. 13 मार्च 2006 को क्रिस्टल मैंगम और एक अन्य डांसर को एक पार्टी में परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया. यह पार्टी ड्यूक यूनिवर्सिटी के लैक्रोस खिलाड़ियों द्वारा आयोजित की गई थी.

 हत्या के मामले में महिला दोषी 

परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद, मैंगम ने आरोप लगाया कि तीन खिलाड़ियों- डेविड इवांस, कोलिन फिनर्टी और रीड सेलिगमैन ने उनके साथ दुष्कर्म किया. इस आरोप के बाद मामला लंबे समय तक अदालत में जारी रहा. हालांकि, बाद में सच सामने आया कि लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद थे. ऊपर से दिलचस्प बात यह है कि इसके कुछ समय बाद मैंगम खुद एक हत्या के मामले में दोषी ठहराई गईं.

2006 में यह मामला अमेरिका के मीडिया में काफी चर्चा का विषय बना रहा. अमेरिकी मीडिया ने इन रेप के आरोपों को नस्ल, वर्ग और विशेषाधिकार (प्रिवेलेज) की बहस के रूप में पेश किया था, जिससे यह मामला और अधिक विवादित हो गया. अब क्रिस्टल मैंगम ने एक पॉडकास्ट में इस घटना की दूसरी तस्वीर पेश की.

इसलिए लगाया था ये गंभीर आरोप

यह इंटरव्यू बीते महीने ‘उत्तरी कैरोलिना सुधारात्मक महिला संस्थान’ में रिकॉर्ड किया गया, जहां क्रिस्टल अपने बॉयफ्रेंड की हत्या के आरोप में कैद हैं. इसमें उन्होंने कहा,’मैंने उनके खिलाफ झूठी गवाही दी. उन्होंने मेरा रेप नहीं किया था. मैं बस यह चाहती थी कि उन्हें एहसास हो कि मैं उनसे प्यार करती हूं. वे इस सज़ा के लायक नहीं थे. उम्मीद है कि तीनों व्यक्ति मुझे माफ कर देंगे.’

आरोपों के बाद हुआ ये हाल

इन आरोपों के बाद पूर्व ड्यूक खिलाड़ियों को 2007 में, निर्दोष घोषित कर दिया गया. खिलाड़ियों के खिलाफ लगाए गए आरोप आखिरकार हटा दिये गए. इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि डरहम काउंटी के जिला अटॉर्नी माइक निफोंग ने (जो इस मामले में क्रिस्टल मैंगम के वकील थे) सबूतों को छिपाया था. इसके कारण 2007 में माइक निफोंग की बर्खास्तगी कर दी गई.  


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