बिदुपुर में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं का धरना: सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

बिदुपुर, 8 जनवरी: ठंड की परिस्थितियों के बावजूद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बिदुपुर प्रखंड और अंचल कार्यालय पर एक बड़ा धरना प्रदर्शन किया। इस धरने का उद्देश्‍य सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रति ध्यान आकर्षित करना और 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्‍यम से बिदुपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को सौंपना था। इस धरने में भाकपा माले के नेता गोपाल पासवान, जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव और अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए।

धरने का मुख्य बिन्दु: गरीबों की आर्थिक सहायता

धरने में प्रस्तुत मांग पत्र में गरीबों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मांगें शामिल थीं। इनमें एक प्रमुख मांग यह थी कि ₹6000 मासिक आय से कम आमदनी वाले गरीबों को लघु उद्यमी योजना के तहत 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा, सभी गरीबों को 5-5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान प्रदान करने की मांग की गई। धरने में जिन खास मुद्दों पर जोर दिया गया, उनमें से एक बिदुपुर थाना में हुई कांड संख्या 575/24 में मारे गए विपिन पासवान के परिवार को मुआवज़ा देने की मांग भी थी।

सरकार की योजनाओं पर सवाल

इस धरने के तहत, भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने एनडीए सरकार के मुखिया नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गरीबों के लिए जो वादे कर रही है, उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार द्वारा घोषित की गई लघु उद्यमी योजना और आवासीय भूमि वितरण का कोई ठोस परिणाम नहीं दिख रहा है।

यादव ने यह भी कहा, “हम लगातार देख रहे हैं कि कैसे बिहार में दलित और गरीबों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। इसके उदाहरण हैं राघोपुर पश्चिमी पंचायत में 2 जनवरी 2025 को हुई घटना, जहां पुलिस बिना महिला पुलिस के घर में घुसकर सभी की पिटाई कर रही थी। यह स्थिति किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए शर्मनाक होनी चाहिए।”

महिलाओं की स्थिति और सामाजिक न्याय

इस धरने में महिलाओँ की स्थिति भी प्रमुख विषय बिंदुओं में से एक थी। सभा में महिलाओं ने अपनी आवाज उठाते हुए कहा कि उन्हें समाज में उचित स्थान नहीं मिल रहा है और उनका शोषण हो रहा है। इस पर गोपाल पासवान ने कहा कि जब तक समाज में समानता नहीं आएगी, तब तक कोई विकास संभव नहीं है। उन्होंने सभा में उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे एकजुट हों और बदलाव के लिए लड़ें।

भविष्य की दिशा: महाजुड़ान

सभा के समापन पर, विशेश्वर प्रसाद यादव ने उपस्थित जनसमूह को “बदलो बिहार महाजुटान” के तहत 9 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान पहुंचने का आह्वान किया। यह महाजुटान बिहार में आम गरीबों, विशेषकर दलितों और महिलाओं के हक के लिए एक ठोस कदम होगा।

इस धरने ने स्पष्ट कर दिया है कि भाकपा माले अपने नेता के नेतृत्व में सख्त संघर्ष का संकल्प कर चुकी है। यह न केवल बिदुपुर के गरीबों के हक की बात कर रहा है, बल्कि पूरे बिहार में सरकार की नीतियों और योजनाओं पर सवाल उठाने का भी काम कर रहा है। यदि सरकार इन मांगों को नजरअंदाज करती है, तो निश्चित रूप से इसके प्रति लोगों का आक्रोश बढ़ता जाएगा, और आने वाले दिनों में इसके परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस प्रकार यह धरना बिदुपुर में राजनीतिक जागरूकता और सामाजिक बदलाव का एक महत्वपूर्ण चरण बन गया है।

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