Crime- गया: 7 साल के रिश्ते में लगा ऐसा ग्रहण, जिस बीवी की लगवाई सरकारी नौकरी, वही कर गई बेवफाई

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गया: 7 साल के रिश्ते में लगा ऐसा ग्रहण, जिस बीवी की लगवाई सरकारी नौकरी, वही कर गई बेवफाई

SDM ज्योति मौर्या केस से तो हर कोई वाकिफ है ही. ज्योति के चपरासी पति आलोक मौर्या ने आरोप लगाया था कि उसने पत्नी को पढ़ाया-लिखाया. लेकिन सरकारी अफसर बनते ही ज्योति ने उसे छोड़ दिया. यह केस पिछले साल देश में काफी सुर्खियों में रहा था. फिर इस तरह के न जाने कितने ही केस सामने आने लगे. अब बिहार के गया से भी मिलता जुलता मामला सामने आया है.

बिहार मिलिट्री पुलिस(बीएमएपी) में तैनात एक युवती के पति ने उस पर गंभीर आरोप लगाकर एसएसपी से न्याय मांगा है. मामला गया जिले के शेरघाटी थाना क्षेत्र की है. पति मिथिलेश कुमार ने अपनी पत्नी पर बेवफाई का आरोप लगाया है. मामला गया के एसएसपी आशीष भारती तक पहुंचातो उन्होंने इस पर जांच के आदेश दे डाले.

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित शेरघाटी थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर पंचायत के भुजौल गांव का रहने वाला है. मिथिलेश कुमार ने बताया- मैंने मेहनत मजदूरी करके पढ़ा-लिखाकर अपनी पत्नी प्रीति कुमारी को बिहार पुलिस में नौकरी लगवाई. अब नौकरी लगते ही वह बेवफाई कर रही है. बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर सेवा शुरू करने के साथ अलग रहने का फैसला ले लिया है.

‘6 साल का बच्चा भी है हमारा’

मिथिलेश कुमार ने बताया कि झारखंड के हंटरगंज की रहने वाली प्रीति कुमारी से वर्ष 2017 में मेरी शादी हुई थी. हम दोनों का 6 साल का बच्चा भी है. शादी के बाद सब कुछ सही चल रहा था. इस बीच 2021 मेरी पत्नी की बोधगया बीएमपी में नौकरी लग गई. नौकरी लगते ही उसका बर्ताव हमारे प्रति बदल गया. वो मुझसे दूर होने लगी और अब न तो मेरा फोन उठाती है और न ही मिलना चाहती है.

इस मामले में पति मिथिलेश कुमार ने एसएसपी को आवेदन देकर मिला देने की गुहार लगाई है. उसका कहना कि उसकी पत्नी उसके पास नहीं आ रही है. वह अपनी पत्नी के साथ रहना चाहता है. प्रीति कुमारी फिलहाल बीएमपी बोधगया में पोस्टेड है.

दहेज के लिए टॉर्चर

वहीं, इस संबंध में प्रीति कुमारी का कहना है- मैं पति की हरकतों और आदतों से तंग आ चुकी हू्ं. इसलिए उससे दूर रहना चाहती हूं. वो मेरा एटीएम कार्ड छीनकर उसे पैसे निकाल लेता था. दहेज के लिए भी मुझे टॉर्चर किया जाता था. विभाग को भी इसकी लिखित शिकायत देकर अवगत करा चुकी हूं. अब मैं इसके साथ नहीं रहना चाहती हूं. मैं अपने बच्चे के साथ अकेले रहना चाहती हूं.


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