Crime- न होंगे डिटिजटल अरेस्ट, न खातों से उड़ेंगे पैसे! फ्रॉड रोकने लिए देश भर में तैनात होंगे 5000 साइबर कमांडो

न होंगे डिटिजटल अरेस्ट, न खातों से उड़ेंगे पैसे! फ्रॉड रोकने लिए देश भर में तैनात होंगे 5000 साइबर कमांडो

साइबर कमांडो दस्ते के लिए देश भर के पुलिस फोर्स में तैनात आईटी के जानकार पुलिस कर्मियों के चयन और प्रशिक्षण की कवायद शुरू हो गई.पहले चरण में 5000 साइबर कमांडो का चयन किया जाएगा और इन्हें जरूरी प्रशिक्षण के बाद मैदान में उतारा जाएगा. इस दस्ते के गठन की घोषणा दो महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के पहले स्थापना दिवस पर की थी.

ईडी और सीबीआई की तरह ही इस कमांडो दस्ते के लिए भी कोई एरिया लिमिट नहीं होगी. पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस दस्ते के लिए सभी राज्यों के अलावा केंद्रीय पुलिस फोर्स में तैनात योग्य पुलिसकर्मियों के नाम मांगे थे. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में पुलिस कर्मियों के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है. इस प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों के मुताबिक कांस्टेबल से लेकर एसपी तक के अधिकारियों के नाम शार्टलिस्ट किए जा रहे हैं.

आईटी और फोरेंसिक की समझ वालों को वरीयता

इस दस्ते में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों की खास योग्यता उनकी आईटी और फोरेंसिक की समझ है. हालांकि इन नामों पर फाइनल मुहर गृह मंत्रालय लगाएगा. इसके बाद इन पुलिस कर्मियों को स्पेशल ब्रांच के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक प्रशिक्षण के बाद इन पुलिसकर्मियों को साइबर कमांडो कहा जाएगा. ये केवल साइबर अपराध के मामले देखेंगे और राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर 1930 पर आने वाली सूचनाओं के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में रेड करने में सक्षम होंगे.

देश में कहीं भी रेड करने में सक्षम होंगे

इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस दस्ते में केवल पुलिसकर्मी ही नहीं, बैंक, वित्तीय मध्यस्थ, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाता, आईटी मध्यथों की कर्मचारी भी शामिल होंगे. यह दस्ता देश के किसी भी हिस्से में होने वाले हरेक साइबर अपराध को लेकर तत्काल एक्टिव होंगे और अपने अपने हिस्से का काम करते हुए अपराधी की घेराबंदी का काम करेंगे.

प्रशिक्षण का सिलेबस तैयार

जानकारी के मुताबिक यह कमांडो दस्ता वेब-आधारित मॉड्यूल होगा. इसका काम साइबर अपराध के डेटा संग्रह, डेटा साझाकरण, अपराध की मैपिंग, डेटा विश्लेषण और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से देश भर में प्रवर्तन का काम करेगा. अधिकारियों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने साइबर कमांडो दस्ता के लिए चयनित होने वाले पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण का सिलेबस तैयार कर लिया है. इसी सिलेबस के आधार पर इन्हें आर्थिक अपराध इकाई द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा.


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