Crime – फरीदाबाद में है अतुल सुभाष का बेटा व्योम! निकिता सिंघानिया का खुलासा… फिर भी पुलिस के हाथ क्यों हैं खाली?- #INA

अतुल सुसाइड केस.

AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Case Update) को पूरे 13 दिन बीत चुके हैं. अतुल के माता-पिता और भाई अभी भी न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं. पोते को भी कस्टडी में लेने के लिए अतुल का परिवार गुहार लगा रहा है. लेकिन पोते व्योम का अभी तक कुछ भी अता-पता नहीं लगा है.

अतुल की मां अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और पोते की बरामदगी की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की बेंच ने हैबियस कॉरपस पिटिशन पर यूपी, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया और बच्चे को अदालत में पेश करने के लिए कहा है. जनवरी में अगली सुनवाई होगी. पुलिस आखिर अब तक अतुल के बेटे को क्यों नहीं ढूंढ पा रही, इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

बेंगलुरु पुलिस को खुद निकिता ने बताया था कि व्योम को उसने एक रिश्तेदार के यहां छोड़ा है. बावजूद इसके पुलिस अभी तक व्योम को ढूंढ नहीं पाई है. व्योम के दादा यानि अतुल के पिता पवन मोदी ने समस्तीपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रपति के समक्ष आत्महत्या का ऐलान भी किया है. उन्होंने बताया कि पोते की बरामदगी के लिए वैनी थाने में उन्होंने आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज तक नहीं लिखी. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्यों की पुलिस को कहा जवाबदेही के लिए कहा है तो देखना होगा कि क्या पुलिस बच्चे का पता लगा पाती है या नहीं.

ये भी पढ़ें

निकिता ने कहा था- मेरा बेटा फरीदाबाद में किसी रिश्तेदार के पास है. बच्चे की कस्टडी मैंने ताऊ सुशील सिंघानिया को सौंपी है. जबकि, सुशील का कहना है कि व्योम के बारे में न तो उन्हें कुछ पता है और न ही वो पास नहीं है.

अतुल के पिता ने इस पर कहा- इन दोनों में से कोई तो झूठ कह रहा है. या तो निकिता या फिर सुशील. हमें बस हमारा पोता चाहिए. हमें डर लग रहा है कि कहीं उसके साथ कुछ गलत न कर दिया गया हो. हमें समझ नहीं आ रहा कि पुलिस बच्चे को ढूंढ क्यों नहीं पा रही. अगर निकिता ने कहा है कि बच्चा उसके किसी रिश्तेदार के पास है तो उनसे पुलिस पूछताछ क्यों नहीं कर रही. उनके घर जाकर बच्चे को क्यों नहीं ढूंढ रही. व्योम हमारे बेटे की आखिरी निशानी है. हम नहीं चाहते कि बच्चे के साथ कुछ भी गलत हो. मेरे बेटे ने मरने से पहले मांग की थी कि बच्चा हमें सौंपा जाए. इसलिए कानून को चाहिए कि अतुल की इस बात को माना जाए. उसकी आत्मा को शांति मिलेगी.

पवन मोदी ने कहा- फिलहाल तो मैंने बेटे अतुल की अस्थियां संभालकर रखी हैं. अगर हमें न्याय नहीं मिलता तो मैं इन्हें गटर में फेंककर खुद भी आत्मदाह कर लूंगा. उन्होंने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री से अपने पोते की बरामदगी की गुहार लगाई है.

अतुल सुभाष केस क्या है?

अतुल सुभाष का शव 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित उसके घर में मिला. वीडियो वायरल हुआ तो केस पूरे देश में फैल गया. अतुल ने मरने से पहले वीडियो बनाकर कहा- मेरी मौत के जिम्मेदार 5 लोग हैं. पत्नी नीकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, सासा अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया. साथ ही जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और उनका पेशकार माधव भी. इन सभी ने मिलकर मुझे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया है. निकिता ने मेरे खिलाफ 9 झूठे मुकदमे दर्ज करवाए हैं.

कहा- निकिता खुद मुझे छोड़कर गई है. मेरे साढ़े चार साल के बेटे व्योम को भी ले गई है. मुझे उससे बात तक नहीं करने दी जाती. मेरे बेटे को औजार बनाकर ये लोग मुझसे पैसे ऐंठ रहे हैं. मुझसे पहले सेटलमेंट के लिए 1 करोड़ की डिमांड की गई. फिर यह रकम बढ़ाकर 3 करोड़ कर दी गई. मुझसे हर महीने बेटे के नाम पर 80 हजार रुपये देने को कहा गया है. जबकि, मेरी कुल सैलरी ही 80 हजार प्रति महीना है. जब मैंने इसका विरोध किया तो इन लोगों ने कहा कि तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते. जज साहिबा भी मेरी पत्नी की इस बात पर हंस रही थीं. उन्होंने खुद मुझसे सेटलमेंट कराने के लिए 5 लाख रुपये मांगे.

माता-पिता को मिले कस्टडी

अतुल ने इसी के साथ 24 पन्नों का सुसाइड नोट, बेटे व्योम के लिए लेटर और एक गिफ्ट छोड़ा. साथ ही अपील की कि कानून का गलत इस्तेमाल करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मेरे मरने के बाद बेटे व्योम की कस्टडी मेरे माता-पिता को मिले. कहा- अगर मुझे न्याय नहीं मिलता तो मेरी अस्थियां गटर में बहा दी जाएं.

15 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपी

10 दिसंबर को अतुल के भाई ने विकास ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. बेंगलुरु पुलिस जब जौनपुर पहुंची जहां निकिता का घर है, तो पाया कि वहां ताला लटका है. पुलिस ने गोपनीयता को बरकरार रखते हुए. सभी आरोपियों की तलाश शुरू की. 13 दिसंबर को निकिता को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया. अतुल की सास और साले को प्रयागराज से. फिर कोर्ट में पेश कर उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. लेकिन चाचा ससुर सुशील को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई थी.

जब चारों फरार हुए थे तो इन लोगों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगवाई थी. उसकी सुनवाई सोमवार, यानि 16 दिसंबर को होनी थी. लेकिन उससे पहले ही तीनों गिरफ्तार हो गए. सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. जमानत मंजूर कर ली. लेकिन इसका फायदा सिर्फ चाचा ससुर को मिला. क्योंकि वो तब तक गिरफ्तार नहीं हुए थे. 30 दिसंबर को तीनों की न्यायिक हिरासत खत्म होगी. उसके बाद देखना ये होगा कि आगे इस केस में क्या होता है. क्या अतुल को न्याय मिलेगा या नहीं?

फरीदाबाद में है अतुल सुभाष का बेटा व्योम! निकिता सिंघानिया का खुलासा… फिर भी पुलिस के हाथ क्यों हैं खाली?

Crime - फरीदाबाद में है अतुल सुभाष का बेटा व्योम! निकिता सिंघानिया का खुलासा... फिर भी पुलिस के हाथ क्यों हैं खाली?- #INA Crime


देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News