Crime – बांग्लादेशी सरगना, फर्जी पहचान, 15 साल से भारत में ठिकाना, 3 मॉड्यूल्स में करते थे काम… ऐसे खुली मानव तस्करी रैकेट की पोल- #INA
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दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस के एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) ने मानव तस्करी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने बांग्लादेशियों को इल्लीगल तरीके से भारत लाने वाले रैकेट के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनमें रैकेट का सरगना भी शामिल है. इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने 28 दिसंबर को 2 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए थे. पूछताछ में उन्होंने इस रैकेट के बारे में जानकारी दी. हैरत की बता यह है कि सरगना खुद बांग्लादेशी है और पिछले 15 वर्षों से देश में अवैध तरीके से रह रहा था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
दिल्ली पुलिस राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया. इस बीच कई बांग्लादेशी पकड़े गए, जो यहां अवैध रूप से रह रहे थे. इनमें दो बांग्लादेशी युवकों ने रैकेट के बारे में खुलासा किया. बताया गया कि रैकेट बांग्लादेश के लोगों को भारत लाता था. इन्हें तीन मॉड्यूल के जरिए चलाया जा रहा था. हर मॉड्यूल का अपना काम होता था, जिसमें बॉर्डर पार कराने से लेकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाना भी शामिल होता था.
4 सदस्य गिरफ्तार, सरगना भी शामिल
दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी एस के जैन के मुताबिक, मानव तस्करी के रैकेट के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें दो बांग्लादेश और 2 आरोपी भारत के हैं. पुलिस ने इनके पास से 6 आधार कार्ड और 5 पैन कार्ड बरामद किए हैं. इनकी बैंक एकाउंट ट्रांसक्शन चैक किए जा रहे हैं. इनमें फर्जी दस्तावेज बनाने वाले आरोपी आशीष मेहरा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया. ये लोग जनता प्रिंट और भारत सेवा नाम की वेबसाइट से फर्जी पहचान पत्र बनाते थे.
तीन मॉड्यूल में चलता था रैकेट
पुलिस ने बताया कि इस रैकेट को अनीश शेख चलता था, जो 15 साल पहले खुद भारत आया था. इसी ने एजेंट बांग्लादेश में भी रखे हैं. आरोपी अनीश खुद यहां अपनी पत्नी के साथ इन बांग्लादेशियों को रहने और उनके डॉक्यूमेंट बनाने में मदद करता था. इस रैकेट को तीन मॉड्यूल में चलाया जाता था. मॉड्यूल का पहला हिस्सा बंगलादेश की तरफ से डंकी रूट से लोगों को भारत मे भेजते थे. दूसरा मॉड्यूल भारत में उन्हें रिसीव करता और रात में उनके ठहराने का इंतजाम करता. फिर वह उन्हें असम में ले जाकर वहां से ट्रेन और दूसरे माध्यम से दिल्ली भेजता. तीसरा मॉड्यूल जो इन्हें दिल्ली में अवैध रूप से बसने में मदद करता था और इनके फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाता.
बांग्लादेशी सरगना, फर्जी पहचान, 15 साल से भारत में ठिकाना, 3 मॉड्यूल्स में करते थे काम… ऐसे खुली मानव तस्करी रैकेट की पोल
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