Crime- Delhi Crime: 11 चोरों का गिरोह, लूट ली दिल्ली मेट्रो की 52 मीटर केबल; 500 CCTV खंगालने के बाद पकड़ में आए शातिर

Delhi Crime: 11 चोरों का गिरोह, लूट ली दिल्ली मेट्रो की 52 मीटर केबल; 500 CCTV खंगालने के बाद पकड़ में आए शातिर

दिल्ली मेट्रो में तार चोरी करने वाले 11 सदस्यीय गिरोह के कथित चार सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. संयुक्त पुलिस आयुक्त (परिवहन) विजय सिंह ने बताया कि हमें दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) से 5 दिसंबर को तार चोरी होने की शिकायत मिली थी. चोरी के कारण मोती नगर और कीर्ति नगर स्टेशन के बीच ब्लू लाइन पर मेट्रो सेवाएं बाधित हो गई थीं.

विजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने 500 से अधिक CCTV फुटेज की जांच की और दो वाहनों पर ध्यान केंद्रित किया. हमने वाहनों का पता लगाया और 11 लोगों के एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने एक गाड़ी से 52 मीटर चोरी किए गए तार भी बरामद किए हैं. आगे की जांच जारी है.

केबल बेच कर लाखों की कमाई

मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए इस्तेमाल होने वाले इन केबल्स की कीमत लाखों में होती है. मेट्रो के केबल तांबे से बने होते हैं, जो एक महंगी धातु है. विभिन्न उद्योगों में इसकी भारी मांग है. चोरी किए गए तांबे को आसानी से कहीं भी बेचा जा सकता है. यही कारण है कि चोरों की नजर हमेशा इन पर रहती है. इस चोरी के कारण मेट्रो सेवाएं बाधित हो गईं.

चोरी की गई केबलों को बिना कोई बदलाव किए आसानी से बेचा जा सकता है, जिससे चोरों को अच्छी खासी कमाई हो जाती है. इन केबलों का नेटवर्क मेट्रो स्टेशनों और ट्रेनों के बीच बिछाया जाता है. यह एक बेहद जटिल नेटवर्क होता है. कुछ स्थानों पर मेट्रो के केबलों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.

जब रुक जाती है मेट्रो

खासकर रात के समय या फिर जहां पर सुरक्षा कम हो. मेट्रो के केबल मेट्रो रेल सिस्टम की जीवन रेखा होते हैं. ये मोटी इन्सुलेटेड तार होती हैं, जो मेट्रो ट्रेनों को बिजली, संचार और नियंत्रण संकेत प्रदान करती हैं. केबलों के चोरी होने पर मेट्रो सिस्टम की तीन मुख्य प्रणालियां- पावर, संचार और सिग्नल ठप हो जाता है. मेट्रो के संचालन के लिए इन तीनों का सुचारु रूप से काम करना बहुत जरूरी है.


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