Crime- लूट से लेकर मर्डर तक… 10 साल तक दिल्ली-NCR में किए कई वारदात, मोटर मैकेनिक ‘सोनू मटका’ कैसे बना अपराधी?

लूट से लेकर मर्डर तक… 10 साल तक दिल्ली-NCR में किए कई वारदात, मोटर मैकेनिक ‘सोनू मटका’ कैसे बना अपराधी?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन में मारा गया बदमाश अनिल उर्फ सोनू मटका कुख्यात शूटर था. उसपर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था. लूट और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में उसकी भूमिका रही. सोनू मटका का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था. उसकी दहशत दिल्ली-एनसीआर में थी. उसका असली नाम अनिल था.

अनिल ने आठवीं तक पढ़ाई की. उसके बाद उसने मोटर मैकेनिक का काम शुरू किया. लेकिन उसका मन मेहनत की कमाई में नहीं लगा और एक दिन उसने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया. उसके बाद वह अनिल से सोनू मटका बन गया. वह आए दिन आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. उसने दिवाली की रात दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या की थी. पुलिस ने सोनू पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था.

दिल्ली पुलिस ने घोषित किया इनामी अपराधी

पुलिस रिकॉर्ड में अनिल उर्फ सोनू मटका का नाम एक के बाद एक कर कई आपराधिक मामलों में दर्ज होता रहा. दिल्ली पुलिस ने उसे एक कुख्यात इनामी गैंगस्टर घोषित किया. दिल्ली पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अनिल उर्फ ​​सोनू उर्फ ​​मटका उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर, गोविंदपुरी की हरिजन बस्ती में रहता था. उसका जन्म यूपी के बागपत जिले में थाना छपरौली के गांव शेरपुर लुहार में हुआ था. वह दिल्ली-एनसीआर में जघन्य अपराधों में शामिल एक हताश और आदतन अपराधी था. उसने कई हत्याएं और सशस्त्र डकैती की.

2014 में हुई पहली FIR

पुलिस के मुताबिक, अनिल उर्फ सोनू मटका पर साल 2014 में पहली एफआईआर गाजियाबाद जिले के थाना लोनी में दर्ज की गई थी. उसे रमेश ज्वेलर की लूट और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद इसी साल उसपर दिल्ली के लक्ष्मी नगर थाने में हत्या के आरोप में केस दर्ज हुआ. इसके बाद सोनू का आतंक बढ़ता गया. साल 2015 में उसपर दिल्ली के ज्योतिनगर, जाफराबाद और न्यू उस्मानपुर थाने में मामले दर्ज हुए. दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में बंद किया था.

परोल पर आया जेल से बाहर, हो गया फरार

सोनू मटका 17 जून 2021 में पत्नी के इलाज के नाम पर परोल लेकर जेल से बाहर आया. उसे इसी महीने सरेंडर करना था लेकिन वह फरार हो गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जेल में उसकी मुलाकात कई अपराधियों से हुई. कुछ अपराधी जेल से बाहर आए. इनमें गाजियाबाद जिले के लोनी स्थित राजीव गार्डन का अजय उर्फ विजय भी शामिल था. वह 14 फरवरी 2020 में पत्नी की सर्जरी के नाम पर दो हफ्ते की परोल लेकर बाहर आया था, इसे 3 मार्च 2020 को रोहिणी जेल में सरेंडर करना था. लेकिन यह भी फरार हो गया था. फिर दोनों ने मिलकर एक गैंग बनाया.

करोड़ो रुपयों की लूट को दिया अंजाम

इस गैंग ने 26 मई 2022 को लाहौरी गेट में डकैती की घटना की अंजाम दिया. 7 अक्टूबर 2022 को गैंग ने दिल्ली के करोलबाग स्थित नेक्ससेल कार्यालय में 1.5 करोड़ रुपये लूट लिए. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया. इस मामले में आरोपी अनिल उर्फ ​​सोनू मटका फरार हो गया. वह आए दिन आपराधिक वारदातों को अंजाम देते रहे. पुलिस ने सोनू मटका पर इनाम घोषित कर दिया.

फर्श बाजार इलाके में किया दोहरा मर्डर

उसके बाद इसी वर्ष 31 अक्टूबर को दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में सोनू मटका ने आकाश शर्मा उर्फ ​​छोटू और उसके भतीजे ऋषभ नामक दो व्यक्तियों को, जब वे अपने घर के सामने पटाखे जला रहे थे, गोली मार दी. दिल्ली पुलिस ने सोनू पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया. इस बीच वह गैंगस्टर हाशिम बाबा के संपर्क में रहा था.

एनकाउंटर में हुआ ढेर

शनिवार सुबह दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि कुख्यात अपराधी सोनू मटका मेरठ के टीपी नगर इलाके में हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया और इलाके की घेराबंदी की. पुलिस के मुताबिक, इस बीच बदमाश सोनू की ओर से पुलिस टीम पर फायरिंग की गई. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया. इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.


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